ऐक्टू ने किया विरोध प्रदर्शन, मजदूरों का 15 दिवसीय देशव्यापी प्रतिरोध अभियान शुरु
भागलपुर, 25 जुलाई (हि.स.)। केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों, चार लेबर कोड, सामाजिक सुरक्षा पर हमला,, न्यूनतम मजदूरी की लूट, महंगाई, निजीकरण और दमनकारी तीन नए क्रिमिनल कोड आदि के खिलाफ और संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए 15 दिवसीय देशव्यापी मजदूर प्रतिरोध अभियान की शुरुआत करते हुए गुरुवार को ऐक्टू ने स्थानीय तिलकामांझी चौक पर विरोध प्रदर्शन किया।
मौके पर निर्माण और अन्य असंगठित मजदूरों ने झंडे – बैनर के साथ अपनी मांगों के समर्थन और मोदी सरकार के विरोध में जोरदार नारे बुलंद किए और आक्रोश जताते हुए प्रधानमंत्री का पुतला भी फूंका। प्रदर्शन का नेतृत्व एआईसीडब्ल्यूएफ के राष्ट्रीय महासचिव एसके शर्मा और ऐक्टू के राज्य सह जिला सचिव मुकेश मुक्त, संयुक्त जिला सचिव अमर कुमार, बिहार राज्य निर्माण मजदूर यूनियन के संयुक्त सचिव चंचल पंडित और असंगठित कामगार महासंघ के राज्य कमिटी सदस्य सिकंदर तांती ने किया।
प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए ऐक्टू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एसके शर्मा और राज्य सह जिला सचिव मुकेश मुक्त ने कहा कि अपने तानाशाह चरित्र के अनुरूप, मोदी सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल में लोकसभा चुनावों के जनादेश को अहंकारपूर्वक ठुकरा दिया है और मजदूरों के खिलाफ और कॉरपोरेट्स के पक्ष में वही विनाशकारी नीतियां अपना रही है। निराशाजनक बजट 2024 – 25 ने कामगारों की चिंताओं और दुर्दशा को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया है। मजदूर वर्ग का विशाल बहुमत असंगठित मजदूरों को इस बजट में उनके दुखद जीवन से कोई राहत नहीं मिली है। ऐक्टू मांग करता है की राष्ट्रीय न्यूनतम मजदूरी बढ़ाई जाय और मजदूरों के सामाजिक सुरक्षा की गारंटी हो।
हिन्दुस्थान समाचार
हिन्दुस्थान समाचार / बिजय शंकर / चंदा कुमारी
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