एसपी ने की पुलिस पर हमले मामले की जांच, कहा हमला अपराधिक भावना से प्रेरित
नवादा, 15 जनवरी(हि. स.)। नवादा के एसपी अमरीष राहुल ने गोविंदपुर थाने के करणपुर बालू घाट पर कानून को हाथ में लेकर ग्रामीणों के पुलिस पर हमले मामले की सोमवार को जांच की ।उन्होंने मीडिया से बताया कि ग्रामीणों ने किसी के बहकावे में आकर षड्यंत्र के तहत पुलिस पर हमला कर दिया, जिससे आठ पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।उन्होंने साफ तौर पर कहा कि किसी तरह का अवैध खनन नहीं हो रहा है ।सरकार के आदेश पर डीएम ने बालू खनन करणपुर घाट पर करने का निर्देश जारी किया था। जिस निर्देश के आलोक में जिला खनन पदाधिकारी ने अपने टीम के साथ आकर बालू घाट को चिन्हित कर दिया था।
सरकार के निर्देश पर ही बालू ठेकेदार बालू उठाव का काम कर रहे थे। जब कुछ आपराधिक तत्वों ने पिस्तौल लेकर बालू घाट पर चल रहे मशीनों में तोड़फोड़ की तो पुलिस तथा खनन पदाधिकारी समझने के उद्देश्य वहां पहुंचे ।जैसे ही पुलिस ग्रामीणों से बात ही कर रही थी कि सभी ने मिलकर ईट- पत्थर चलाना शुरु कर दिया। जो निश्चित तौर पर कानून को हाथ में लेना था ।
ग्रामीणों के घर में घुसकर गलत तरीके से मारपीट करने के सवाल के जवाब में पुलिस ने कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है। हमलावरों को खोजने पुलिस उनके घर गई थी ।अगर कोई दरवाजा खोले बगैर छत से कूद कर भागा और उसे चोट लगी होगी तो निश्चित तौर पर इसका जिम्मेदार पुलिस नहीं है ।जिसके भी घर के किवाड़ खुलवाए जा रहे थे उन्हें निश्चित तौर पर किवाड़ खोलकर नाम जद हमलावरों की जांच करानी चाहिए थी कि वह घर में नहीं है ।लेकिन ऐसा नहीं कर पुलिस को गलत तरीके से बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।
सच्चाई है कि राजनीति से प्रेरित होकर जिला पार्षद के सह पर बालू घाट ठेकेदारों को परेशान करने की कोशिश की जा रही है ।इसके पूर्व पाँच लाख रुपये रंगदारी मांगने की भी प्राथमिक भी दर्ज की जा चुकी है ।पुलिस निश्चित तौर पर कानून को पालन कराने में सजग दिख रही है ।रजौली के एसडीपीओ पंकज कुमार ने साफ तौर पर कह दिया है कि किसी भी बलवाई को छोड़ा नहीं जाएगा ।निश्चित तौर पर इस हमले को राजनीति से प्रेरित भी बताया जा रहा है ।स्थानीय जनप्रतिनिधि पुलिस पर हमले के मामले में कटघरे में खड़े हैं ।अगर कोई भी ठोस सबूत मिला तो ऊंचे रसूक वाले जनप्रतिनिधि भी जेल की हवा जरूर खाएंगे।
हिन्दुस्थान समाचार/डॉ सुमन/चंदा
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