एआईसीडब्ल्यूएफ ने फिलिस्तीनी मजदूरों के साथ जाहिर की एकजुटता, किया प्रदर्शन
भागलपुर, 10 नवम्बर (हि.स.)। भारतीय निर्माण श्रमिकों से इज़राइल के लिए काम नहीं करने के आह्वान के साथ शुक्रवार को ऑल इण्डिया कंस्ट्रक्शन वर्कर्स फेडरेशन (एआईसीडब्ल्यूएफ) – ऐक्टू के देशव्यापी आह्वान पर सैकड़ों निर्माण मजदूरों ने स्थानीय तिलकामांझी चौक पर प्रदर्शन किया और फिलिस्तीनी मजदूरों की जगह लेने के लिए भारतीय निर्माण मजदूरों को इजराइल भेजने की मोदी सरकार द्वारा की रही कोशिश को बंद करने की मांग करते हुए फिलिस्तीनी मजदूरों के साथ एकजुटता जाहिर की।
प्रदर्शन का नेतृत्व एआईसीडब्ल्यूएफ के राष्ट्रीय महासचिव एसके शर्मा और ऐक्टू राज्य सह जिला सचिव मुकेश मुक्त ने किया। उन्होंने युद्ध को समाप्त कर फिलिस्तीन पर से इजराइली कब्जा खत्म करने और संप्रभु मातृभूमि पर फिलिस्तीनियों के अधिकार को कायम रखने को ही शांति का एकमात्र सम्भावित मार्ग बताया।
प्रदर्शन स्थल पर मौजूद निर्माण मजदूरों और आम नागरिकों को सम्बोधित करते हुए दोनों नेतृत्वकारियों ने कहा कि इजराइल ने गाजा पर लगातार बमबारी और जमीनी आक्रमण के साथ फिलिस्तीन पर अपने नरसंहारी युद्ध को बढ़ा दिया है, जिसमें करीब चार हजार बच्चों सहित दस हजार से अधिक निर्दोष फिलिस्तीनियों की मौत हो गई और गाजा के बड़े हिस्से को नष्ट कर दिया गया। खबरें आ रही हैं कि इजरायल और भारत सरकारें ''मजदूर निर्यात'' के लिए बातचीत कर रही हैं। जिन फिलिस्तीनियों के वर्क परमिट रद्द कर दिए गए हैं और उन्हें इजराइल से निष्कासित कर दिया गया है, उनका स्थान लेने के लिए भारतीय मजदूरों की नियुक्ति की जाएगी।
भारत के लिए इजराइल को मजदूरों के कथित निर्यात से अधिक अनैतिक और विनाशकारी कुछ भी नहीं हो सकता है। भारत की मोदी सरकार निर्यात कार्यों पर भी विचार कर रहा है, यह दर्शाता है कि इसने किस तरह से भारतीय मजदूरों को अमानवीय और माल बना दिया है। इस तरह का कदम फिलिस्तीनियों के खिलाफ इजरायल के चल रहे नरसंहारी युद्ध में भारत की मिलीभगत के समान तो होगा ही साथ ही भारतीय मजदूरों के जीवन पर भी संकट की तलवारें लटक जाएगी। स्वाभाविक रूप से पूरे रीजन में भारतीय मजदूरों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
प्रदर्शन में मुख्य रुप से एआईसीडब्ल्यूएफ के राष्ट्रीय महासचिव एसके शर्मा, ऐक्टू के राज्य व जिला सचिव मुकेश मुक्त, बिहार राज्य निर्माण मजदूर यूनियन के जिला संयुक्त सचिव चंचल पंडित, अमित गुप्ता, बबलू यादव, मो. रुस्तम, मो. चांद, चंदन यादव, ललन पंडित, मनसुख पासवान, उत्तम यादव, युगल तांती, अभिषेक यादव, मुकेश पंडित, दीपक यादव, विष्णु यादव, असंगठित कामगार महासंघ के हरि पंडित, डब्लू पासवान, उदय यादव, वकील साह, नंदकिशोर यादव, सूरज पंडित, बुगल यादव, सन्तन तांती, मो. उस्मान, शकील मिस्त्री और इंकलाबी नौजवान सभा के राज्य सहसचिव गौरीशंकर राय आदि बड़ी संख्या में निर्माण मजदूर शामिल हुए।
हिन्दुस्थान समाचार/बिजय
/चंदा
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