आयुर्वेदिक औषधियां मानव जीवन के लिए वरदान:स्वामी शांतानंद
नवादा ,27 नवम्बर(हि. स.)। मानव शरीर अनमोल है। भारतीय संतवाणी और धर्म शास्त्रों में मानव शरीर को देव दुर्लभ बताया गया है। इसे स्वस्थ रखना चाहिए। इसके लिए आयुर्वेद में मानव जीवन के आहार विहार, औषधियां,जीवन जीने का सम्यक ज्ञान भरा पड़ा है। असंयमित जीवन,बूरी आदत, मांसाहार, नशाओं का सेवन आदि के कारण आज सभी घरों के लोग बीमार पड़ते रहते हैं।कफ,पीत, वात की अधिकता या न्यूनता के कारण सभी रोगी हो रहें हैं।इसके निदान के लिए आयुर्वेदिक औषधियां ही अमृत है। आयुर्वेदिक औषधियां मानव जीवन के लिए वरदान है।आज हमें आयुर्वेदिक औषधियों की ओर लौटने की आवश्यकता है। उक्त बातें रोह बाजार में पतंजलि स्वदेशी स्टोर के निकट महर्षि मेंहीं आयुर्वेदिक केंद्र के उद्घाटन के मौके पर मुख्य अतिथि बतौर स्वामी शांतानंद जी महाराज ने कही।
आयुर्वेदिक औषधियां निर्मित करने वाली कंपनी डेज्याय के द्वारा रोह प्रखंड क्षेत्र में प्रथम संस्थान महर्षि मेंहीं आयुर्वेदिक केंद्र का उद्घाटन स्वामी शांतानंद जी महाराज ने ईश्वर स्तुति गुरु विनती वेद मंत्र के द्वारा विधिवत पूजन कर द्वारा किया गया।
संस्थान के पो. सुनील शर्मा ने कहा कि असाध्य रोगों जैसे हृदयरोग,डायविटिज, जोड़ो का दर्द गैस,कब्ज, एक्जिमा,दाद, लिकोरिया, बांझपन,वात पित्त,कफ आदि पुराने बीमारियों की समुचित आयुर्वेदिक औषधियां उपलब्ध है।
इस मौके पर डेज्याय नवादा के चंद्रमणि कुमार ,आर के आनंद, प्रेमानंद, शशि रंजन,डा सुनिल शर्मा,पंकज कुमार, प्रमोद कुमार प्रवीण,संजय कुमार यादव, अनिल कुमार,संजय कुमार निरंकारी,प्रभा कुमारी,श्रवन कुमार, आदि दर्जनों लोग मौजूद थे।
हिंन्दुस्थान समाचार/डॉ सुमन/चंदा
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