पूर्वी चंपारण जिले में तेज गति से हो रहा कालाजार नियंत्रण

पूर्वी चंपारण जिले में तेज गति से हो रहा कालाजार नियंत्रण
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पूर्वी चंपारण जिले में तेज गति से हो रहा कालाजार नियंत्रण


-कई प्रखंडो में गत तीन साल में नही मिले कालाजार के एक भी मरीज

पूर्वी चंपारण,07 जून(हि.स.)।जिले में कालाजार रोग पर तेजी नियंत्रण होता दिख रहा है।गत तीन साल में जिले के घोड़ासहन, अरेराज, पताहीं और रामगढ़वा प्रखंड में कालाजार के एक भी मरीज नहीं मिले है। इसके अलावा वर्ष 2024 में मई माह तक जिले में मात्र 6 कालाजार एवं 2 पीकेडीएल के मरीज मिले हैं।

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ शरत चंद्र शर्मा ने शुक्रवार को बताया कि जिले के 27 में से 23 प्रखंडों में ही सिंथेटिक पाराथराईड दवा की छिड़काव 05 जून से 16 अगस्त तक से अगले 60 दिनों तक कार्य दिवस तक किया जाएगा। ताकि बालू मक्खियों का समूल नष्ट हो सकें।

वीडीसीओ धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि 113 राजस्व गांवों,110 पंचायतों व 182888 घरों में कुल 912867 जनसंख्या वाले इलाकों में दवा की छिड़काव कुल 50 छिड़काव दल करेगे।इसके लिए उन्हे प्रशिक्षण दिया जा चुका है। उन्होने बताया कि पूरे राज्य मे पूर्वी चम्पारण जिला कालाजार के मरीजों के इलाज व जागरूकता में काफी अग्रणी साबित हो रहा है। यहां पिछले 4 वर्षों के आंकड़ों के अनुसार कालाजार के मामलों में काफी कमी आ रही है। वर्तमान में इस जिले में 75 प्रतिशत तक मरीजों के मामलों में कमी आ चुकी है।वर्ष 2018 में 196, 2019 में 119, 2020 में 69, 2021 में 67, 2022 में 67,2023 में 26 कालाजार मरीज मिले,जबकि 2024 में मात्र 06 भीएल(कालाजार)के मरीज प्रतिवेदित हुए है।पिछले कुछ वर्षों में स्वास्थ्य विभाग के अथक प्रयास व जागरूकता के कारण जिले में कालाजार के मरीजों की संख्या काफी कम हो गई है।

वीडीसीओ धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि कालाजार के मरीजों का फॉलोअप जांच 1 माह, 6 माह एवं 12 माह पर की जाती एवं रिपोर्ट को वेब पोर्टल पर अपलोड किया जाता है। जिसकी निगरानी जिला स्तर के पदाधिकारियों द्वारा की जाती है। पूर्वी चंपारण के 27 प्रखंडों में कालाजार के मरीजों की जांच व इलाज की सुविधाएं उपलब्ध है।कालाजार से बचाव को लेकर जागरूकता के लिए प्रचार रथ, माइकिंग कराया जाता है, ताकि लोग कालाजार से बचाव को लेकर सरकार के संदेश जान सकें।

उन्होने बताया कि राज्य व केंद्र सरकार के द्वारा कालाजार के मरीजों के आर्थिक सहायता हेतु 66 सौ रुपए दी जाती है। वहीं भारत सरकार 500 अलग से देती है। उन्हें कुल 7100 रुपयों की आर्थिक सहायता दी जाती है। कालाजार होने पर व्यक्ति को 2 हफ़्तों से ज्यादा बुखार,तिल्ली का बढ़ जाना, भूख नहीं लगना, वजन में कमी, चमड़े पर दाग होना तथा खून की कमी बड़ी तेजी से होने लगती है।ऐसा लक्षण दिखते ही नजदीकी सरकारी अस्पताल से संपर्क करना चाहिए।

हिन्दुस्थान समाचार/आनंद प्रकाश/चंदा

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