प्रशासन शासी निकाय को दरकिनार कर चलाना चाह रही समानांतर सत्ता: ममता राय



-जिला परिषद अध्यक्ष ने प्रशासन पर लगाया मनमानी का आरोप

-माननीय उच्च न्यायालय जाने व उग्र आंदोलन की दी चेतावनी

मोतिहारी,16 मार्च(हि.स.)।जिला परिषद अध्यक्ष ममता राय ने ग्रामीण विकास अभिकरण के अधिकारियों पर बड़ा आरोप लगाया है। कहा है कि शासी निकाय के प्रदत्त शक्ति के अनुसार कार्य कर पाना मुश्किल दिख रहा है। उन्होने कहा है कि जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के मार्ग दर्शिका 5.2 में स्पष्ट है कि अभिकरण का संचालन शासी निकाय के द्वारा होगा। जिसके अध्यक्ष जिला परिषद अध्यक्ष होंगे।

उन्होंने कहा कि बावजूद इसके मनमाने तरीके अभिकरण के अधिकारियों द्वारा कार्य किया जा रहा है। जिससे जिले का विकास बाधित हो रहा है। अध्यक्ष ममता राय ने गुरुवार जिला परिषद कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव के पत्रांक 1403 दिनांक 2 मार्च 2009 में स्पष्ट है कि ग्रामीण विकास अभिकरण का संचालन, योजनाओं की समीक्षा, जिला परिषद को करना है। इतना ही नहीं विभाग के आदेश ज्ञापांक संख्या 1273 मार्च 2005 में भी स्पष्ट आदेश निर्गत किया गया है,कि ग्रामीण विकास विभाग का अध्यक्ष जिलाधिकारी नही, बल्कि जिला परिषद होगा। बावजूद इसके प्रशासन इन कार्यो के प्रति पूरी तरह से मौन है।

राय ने कहा कि विकास कार्यों को सुचारू संचालन के लिए बैठक बुलाने का दो पत्र दिया गया। लेकिन आश्चर्य है की किसी भी तरह की बैठक अबतक नहीं की गई है। और न ही कार्रवाई की गई है। इससे स्पष्ट हो जाता है कि पंचायत राज्य संस्थाओं को दरकिनार कर प्रशासन अपना समानांतर सत्ता चलाना चाहती है।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा निर्गत पत्र में भी स्पष्ट है कि जिला ग्रामीण विकास अभिकरण में जो राशि अवशेष है, उसे 31 मार्च 2022 तक परिषद के खाते हस्तांतरित करते हुए उक्त राशि को जिला परिषद में विलय करना है, लेकिन प्रशासन ने उक्त राशि का नहीं हस्तानांतरण कराया और नहीं विलय।

उन्होंने कहा कि इस आशय को लेकर मोतिहारी जिला परिषद अध्यक्ष होने के नाते दिनांक 17 फरवरी 2022 को पत्र देकर उप विकास आयुक्त पूछा गया था कि किस परिस्थिति में संचित राशि को व्यय किया जा रहा है। लेकिन इसका भी कोई जवाब उनके द्वारा नहीं दिया जा रहा है।इतना ही नही मनरेगा योजना 2022- 23 की वार्षिक सूची जिला परिषद के पास अनुमोदन के लिए नहीं भेजा गया है। जिससे मजदूरी की महात्वाकांक्षी योजना का लाभ लाभूक सही तरीके से नहीं उठा पा रहे है।

उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि पदाधिकारी राजनीति छोड़कर जनहित में सरकार के दिशा निर्देश का पालन करें, अन्यथा पंचायती राज संस्थाओं के अधिकारों के अतिक्रमण संबंध में संसूचित करते हुए उच्च न्यायालय की शरण ली जायेगी,साथ ही जिले में पंचायती राज अधिकारों की प्राप्ति के लिए उग्र आंदोलन भी होगा।

हिन्दुस्थान समाचार/आनंद प्रकाश

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