बेल्ट्रॉन से बहाल कर्मियों की दो दिवसीय हड़ताल से सरकारी विभागों का काम ठप
बेगूसराय, 28 नवम्बर (हि.स.)। बिहार राज्य डाटा इंट्री/कंप्यूटर ऑपरेटर संघ के आह्वान पर बेल्ट्रॉन से बहाल कर्मियों के दो दिवसीय हड़ताल के कारण सभी कार्यालयों में कामकाज ठप हो गया है। पहले दिन कर्मियों ने समाहरणालय के दक्षिणी द्वार हड़ताली चौक धरना दिया। जिसमें प्रखंड एवं अंचल कार्यालय सहित विभिन्न विभागों में कार्यरत सैकडों कर्मियों ने हिस्सा लिया।
मौके पर जिला इकाई अध्यक्ष अमित जायसवाल एवं संघर्ष कोष अध्यक्ष निलेश झा ने बताया की दो दशक से चली आ रही पुरानी कुव्यवस्था आउटसोर्सिंग को राज्य सरकार जल्द से जल्द खत्म करके हम सभी को सीधे विभाग में समायोजित करे। सरकार के दोहरी नीति का हम सभी पुरजोर विरोध करते हैं। हम प्रोन्नति, अनुकम्पा, ग्रेच्युटी, चिकित्सा अवकाश, अर्जित अवकाश, अवैतनिक अवकाश, क्षतिपूर्ति, विशेषावकाश, महंगाई भत्ता, वेतन पुनरीक्षण आदि लाभ से वंचित हैं।
सरकार काम लेती है सरकारी कर्मी की तरह, लेकिन जब बात आती है अधिकार की तो मुंह फेर लेती है। हम अपनी वाजिब मांगों को लेकर ही आज हड़ताल पर बैठे हैं। हमारी मांग ऐसी है कि सरकार को हंसी खुशी पूरी कर देनी चाहिए। जिला कोषाध्यक्ष संजय कुमार, सदस्य चन्दन कुमार एवं संयुक्त सचिव कुन्दन झा ने कहा कि सरकार की दोहरी नीति के हम पिछले दो दशकों से शिकार हो रहे हैं। सरकारी कार्यालयों में नियमित कर्मियों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर दो दशक से काम करते आ रहे हैं।
लेकिन सरकार द्वारा हमारे लिए आज तक सेवा शर्त और नियमावली का गठन तक नहीं किया गया है, जिस कारण आज तक हमारी सेवा का कोई सुरक्षा नहीं है। सरकार को हमारे कार्य दक्षता और महत्ता को देखते हुए जल्द से जल्द सरकार को नियोजित कर्मचारी घोषित कर देना चाहिए। अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के सचिव मुरारी सिंह, चिकित्सा संघ के जिलामंत्री लव कुमार सिंह, संयुक्त मंत्री सुधीर गांधी एवं पेंशनर जिला मंत्री मथुरा ठाकुर ने भी धरनास्थल पर आकर मांग का समर्थन किया।
जिला इकाई सदस्य रवि भूषण, सुमन सौरव, नरोत्तम एवं आंनद ने कहा बेल्ट्रॉन कर्मी दो दशकों से लगातार सरकार द्वारा निर्धारित किसी भी प्रकार की जिम्मेदारियों एवं सरकारी कर्तव्यों से बिना पीछे हटे एवं बिना डरे सभी सरकारी कर्तव्यों को मरते दम तक पूरा करने में सक्षम एवं वचनबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को हर हाल में हमारे एकल मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए सेवा समायोजन की मांग को जल्द से जल्द लागू कर देना चाहिए।
महिला कर्मी आभा, महिमा, प्रीति ने बताया कि आउटसोर्सिंग की इस कुरीति कि वजह से इस महंगाई में हमें इतना वेतन भी नहीं मिलता है कि बीमारी में परिवारजनों का बेहतर इलाज करा सकें, अपने बच्चों को अच्छी और उच्च शिक्षा दे सकें। मौके पर सर्वेश, प्रमोद, अपर्णा, लखन, सौरभ, राहुल, सुधांशु, विवेक, नेहा, पूजा, अभय, राबड़ी, दिनेश, अशोक, संतोष, राजेश, माया, गौतम, रीता एवं हितेश सहित अन्य कर्मी उपस्थित थे।
हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र/गोविन्द
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