विभागीय स्तर से राज्य को बाढ़ की विभीषिका से बचाया गया, तटबंधों की हो रही सतत निगरानी : मंत्री विजय चौधरी
पटना, 30 सितम्बर (हि.स.)। बिहार सरकार में जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी ने बिहार में आयी बाढ़ को लेकर सोमवार शाम विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रकृति की प्रतिकूल एवं विषम परिस्थितियों में भी विभाग के स्तर से किये गये प्रयासों के फलस्वरूप राज्य को बहुआयामी बाढ़ की विभिषिका से बचाया जा सका है। सभी तटबंधों-संरचनाओं की सुरक्षा के लिए सतत निगरानी एवं चौकसी बरती जा रही है।
मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि संभावित आपदा की स्थिति के मद्देनजर बीते 27-28 सितम्बर को ही सभी संबंधित जिला प्रशासन, पश्चिम चम्पारण, गोपालगंज, सारण, पूर्वी चम्पारण, मुजफ्फरपुर, वैशाली, सीतामढ़ी, शिवहर, समस्तीपुर, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, मधुबनी, दरभंगा, खगड़िया, भागलपुर को सभी आवश्यक ऐहतियाती कार्रवाई करने, तटबंध के नदी भाग में आवासितों को अवगत कराते हुए कार्रवाई करने एवं बाढ़ आपदा के लिए जिला प्रशासन के स्तर से गश्ती सुनिश्चित कराने के लिए निर्देशित किया गया
विजय चौधरी ने कहा कि नेपाल प्रभाग में कोशी, गंडक, बागमती, महानंदा एवं अन्य नदियों के जलग्रहण क्षेत्र के लगभग सभी भागों में निरंतर बारिश होने की वजह से बीते 28 सितम्बर को गंडक बराज, वाल्मीकिनगर से 5.62 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया, जो इस वर्ष सात जुलाई को प्रवाहित डिस्चार्ज 4.40 लाख क्यूसेक से 1.22 लाख क्यूसेक अधिक है। यह डिस्चार्ज गंडक बराज, वाल्मीकिनगर से विगत 21 वर्षों के दौरान प्रवाहित अधिकतम डिस्चार्ज है। इसकी वजह से छतौनी घाट एवं बगहा गेज स्टेशनों पर 29 सितम्बर को 94.00 मीटर एवं 90.90 मीटर का उच्चतम जलस्तर दर्ज किया गया है, जो पूर्व के उच्चतम जलस्तर से क्रमशः 0.80 मीटर एवं 0.42 मीटर अधिक है।
मंत्री चौधरी ने कहा कि गंडक नदी के अत्यधिक दबाव के कारण रविवार को शाम पांच बजे पश्चिम चम्पारण जिलान्तर्गत बगहा-1 प्रखंड में गंडक नदी के बायें किनारे पर अवस्थित चम्पारण तटबंध खैरटवा गॉव के समीप क्षतिग्रस्त हो गया है। इसी तरह पूर्वाहन पांच बजे शनिवार सुपौल जिले के वीरपुर कोशी बराज से वीरपुर से 6.61 लाख क्यूसेक डिस्चार्ज प्रवाहित हुआ है, जो इस वर्ष सात जुलाई को प्रवाहित डिस्चार्ज 3.93 लाख क्यूसेक से 2.68 लाख क्यूसेक अधिक था। यह डिस्चार्ज कोशी बराज, वीरपुर से विगत 56 वर्षों के दौरान प्रवाहित अधिकतम डिस्चार्ज है। फलस्वरूप कोशी बराज पर ओभर-टॉपिंग की स्थिति उत्पन्न हुई।
मंत्री ने कहा कि कोशी बराज, वीरपुर पर एहतियातन आवागमन प्रतिबंधित किया गया। कोशी नदी की सहायक नदियों यथा तिलयुगा, घोरदह, पॉची, बिहुल एवं भूतही बलान में भी एक ही समय काफी अधिक डिस्चार्ज प्रवाहित हुआ है। इसकी वजह से कोशी, महासेतु के डाउनस्ट्रीम में कोशी नदी में बराज पर आये अधिकतम डिस्चार्ज में उपरोक्त सहायक नदियों तिलयुगा, घोरदह, पॉची, बिहुल एवं भूतही बलान नदियों का डिस्चार्ज भी सम्मलित हुआ। इसके कारण 29-30 सितम्बर को रात्रि एक बजे को दरभंगा जिलान्तर्गत कीरथपुर प्रखंड में 01 स्थल पश्चिमी कोशी तटबंध (घोघरडीहा के नीचे) तेतरी गॉव के समीप क्षतिग्रस्त हुआ है।
चौधरी ने कहा कि कोशी बराज, वीरपुर एवं गंडक बराज, वाल्मीकिनगर पूर्णतः सुरक्षित है। नेपाल प्रभाग में बागमती नदी के जलग्रहण क्षेत्र में अत्यधिक बारिश के फलस्वरूप बागमती नदी पर नेपाल में अवस्थित तटबंध दिनांक शनिवार को क्षतिग्रस्त हुआ, जिससे नेपाल में पानी का फैलाव हुआ है। फिर भी 29 सितम्बर को सीतामढ़ी जिलान्तर्गत सुप्पी प्रखंड में बागमती नदी पर अवस्थित ढेंग गेज स्टेशन पर उच्चतम जलस्तर 73.47 मीटर दर्ज किया गया है, जो पूर्व के उच्चतम जलस्तर (वर्ष-2019) से 0.47 मीटर ऊपर है। बागमती नदी के अत्यधिक दबाव के कारण नदी का तटबंध कुल 05 स्थानों पर क्षतिग्रस्त हुआ है। सीतामढ़ी जिलान्तर्गत बेलसंड प्रखंड में 02 स्थनों एवं रुन्नीसैदपुर प्रखंड में 02 स्थानों तथा शिवहर जिलान्तर्गत तरियानी प्रखंड में 01 स्थान पर क्षतिग्रस्त हुआ है।
हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद चौधरी
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