वाल्मीकि नगर के झंडावाटोला एसएसबी कैंप समेत आधा दर्जन गांव में घुसा गंडक नदी के बाढ़ का पानी
-----ग्रामीण चकदहवा विद्यालय व बांध पर ले रहे हैं,शरण।
----- नेपाल में भारी बारिश से गंडक नदी उफान पर, एसएसबी कैंप सहित गांव में घुसा बाढ़ का पानी।
पश्चिम चंपारण(बगहा), 7 जुलाई (हि.स.)।वाल्मीकिनगर समेत नेपाल के जल ग्रहण वाले क्षेत्रों के पोखरा ,नारायण घाट,देवघाट आदि जगहों पर पिछले 84 घंटा से रुक रुक कर हो रही भारी बारिश के कारण वाल्मीकिनगर में गंडक नदी उफान पर है। जल स्तर बढ़ने के कारण वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना के जंगलों में पानी भरने लगा है।
वही एसएसबी के झंडाहवा टोला कैंप के साथ-साथ चकदाहवा,कान्ही टोला एवं बीन टोली,ठाढी एसएसबी बीओपी आदि गांव में बाढ़ का पानी घुस गया है। लगभग 600 घर में पानी देर रात में घुसने के बाद लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। जिसके चलते बाढ़ का पानी एसएसबी कैंप सहित गांव में लगभग 3 फीट बाढ़ का पानी घुस गया है। पानी बढ़ने के साथ ही लोग अपने माल -जाल के साथ चकदहवा विद्यालय तथा ऊंचे बांध पर शरण लेने लगे हैं।
एसएसबी 21 वी वाहिनी झंडूटोला के इंस्पेक्टर सह कंपनी कमांड़र सुरेश कुमार ने बताया कि गंडक नदी का जलस्तर शनिवार की देर रात से अचानक से बढ़ने लगा, जिसके चलते बाढ़ का पानी एसएसबी कैंप के साथ-साथ गांव में प्रवेश कर गया। लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने के लिए कवायद शुरू कर दी गई है।
उन्होंने बताया कि एसएसबी कैंप में बाढ़ का पानी आने के कारण नाव से जवानों की आवा जाई और गस्ती की जा रही है। शनिवार की देर रात गंड़क बराज से छोड़ा गया 3 लाख 65 हजार 200 क्यूसेक पानी तो वही गंडक बराज से रविवार की सुबह 4 लाख 41 हजार क्यूसेक पानी गंडक नदी में छोड़ा गया है, जिससे गंडक नदी का जल स्तर पश्चिमी चंपारण के दियारावर्ती इलाकों में बढ़ने की संभावना है। जिला प्रशासन ने दियारावर्ती प्रखंडों के अधिकारियों को सचेत कर दिया है। प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है।
गंडक बराज के कार्यपालक अभियंता सियाराम पासवान ने बताया कि नेपाल के जल ग्रहण वाले क्षेत्रों में लगभग चार दिनों से रुक रुक कर भारी बारिश हो रही है, जिसके चलते नारायणी नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है। नारायणी नदी वाल्मीकिनगर के त्रिवेणी में आकर सोनभद्र तथा तमसा नदी मिलती है। तीनों नदियां एक साथ मिलकर गंडक नदी हो जाती है। तीनों नदियों में पहाड़ का पानी आता है। इससे गंडक का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। बराज के सभी अभियंता और अधिकारी 24 घंटा बराज तथा पानी पर पैनी नजर रखे हुए हैं।समाचार प्रेषण तक गंडक नदी से 4,16000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था।
हिन्दुस्थान समाचार /अरविंद नाथ तिवारी।/चंदा
हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन करने के लिये यहां क्लिक करें, साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।