पूर्व उप मुख्यमंत्री के निधन पर वैश्य समाज द्वारा श्रद्धांजलि सभा आयोजित
सहरसा, 21 मई (हि.स.)। साल 2005 से 2013 और फिर 2017 से 2020 के दौरान वो बतौर उपमुख्यमंत्री पद पर अपनी भूमिका निभाने वाले सुशील मोदी के असमयिक निधन होने पर मंगलवार को मीर टोला स्थित वैश्य समाज के कार्यलाय मे श्रद्धांजलि सभा आयोजित कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया।
वैश्य समाज के जिलाध्यक्ष रामकृष्ण साह उर्फ़ मोहन साह ने अपना श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा की उनका असामयिक निधन देश के सामाजिक राजनीतिक परिदृश्य के लिए एक बड़ी क्षति है। एक सांसद और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री के रूप में, सुशील मोदी जी राजनीतिक मर्यादा में विश्वास करते थे और हमेशा सभ्यता और शालीनता का उदाहरण प्रस्तुत करते थे।बिहार ने राजनीति के एक महान पुरोधा को हमेशा के लिए खो दिया।उनके निधन से बिहार की राजनीति के एक अध्याय का अंत हो गया।
वैश्य समाज के कार्यकारी अध्यक्ष देवेंद्र कुमार देव ने कहा कि सुशील मोदी जेपी आंदोलन की उपज माने जाते थे।उनकी छात्र राजनीति की शुरुआत साल1971 में हुई। उस वक़्त वो पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ की 5 सदस्यीय कैबिनेट के सदस्य निर्वाचित हुए।1973 में वो महामंत्री चुने गए।वैश्य समाज के प्रवक्ता राजीव रंजन शाह ने कहा कि लालू यादव के साथ छात्र राजनीति शुरू करने वाले सुशील मोदी ने उन्हें जेल पहुंचाने में भी अहम भूमिका निभाई थी। साल 1996 में चारा घोटाले में पटना हाईकोर्ट में सीबीआई जांच की मांग को लेकर याचिका दायर करने वालों में से एक थे। साल 2015 में जदयू-राजद की सरकार बनने के बाद सुशील मोदी के निशाने पर फिर से लालू परिवार आया। उन्होंने 4 अप्रैल 2017 से लालू परिवार की बेनामी संपत्ति को लेकर लगातार 44 प्रेसवार्ता की। नतीजा ये हुआ कि 26 जुलाई 2017 को सरकार गिर गई। नई सरकार 27 जुलाई को बनी जिसमें सुशील कुमार मोदी फिर उपमुख्यमंत्री बने।
वैश्य समाज के उपाध्यक्ष श्यामनंदन पोद्दार ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा की उनके आर्थिक राजनीतिक संगठनात्मक क्षमताओं के आप धनी व्यक्ति थे। बिहार को विकसित बिहार बनाने में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रहा है।एक शिल्पकार के तरह बिहार को आकार दिए हैं।बिहार को अराजकता काल से निकलने की साहस उनमें कूट कूट कर भरा था।इस श्रद्धांजलि सभा में महिला अध्यक्ष सीमा गुप्ता,रिंकी देवी,संगीता पोद्दार,वार्ड पार्षद कामेश साह, पूर्व पार्षद सुबोध साह,रंजना गुप्ता, सुगामनी देवी,संरपंच दिलीप चौधरी,उदाहरण भगत, विष्णुदेव पंडित,संजय कुमार, नाई संघ के अध्यक्ष बिजेंदर ठाकुर, शिव शंकर ठाकुर,गणेश ठाकुर,पवन ठाकुर, मिथिलेश ठाकुर, देवेंद्र ठाकुर,अजय पोद्दार आदि शामिल रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/अजय/गोविन्द
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