विलुप्त होती जा रही संस्कृत भाषा को बचाने की जरूरत:भोला यादव
बिहारशरीफ, 6 नवंबर (हि.स)।नालंदा जिले के इसलामपुर प्रखंड स्थित साहित्य संस्कृत उच्च विद्यालय के प्रांगण मे सोमवार को बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष भोला यादव का अभिनंदन समारोह सह नालन्दा ,नवादा ,शेखपुरा जिला के संस्कृत विधालयों का समीक्षा बैठक हुई। कार्यक्रम की शुरूआत सरस्वती वंदना के साथ बिहार संस्कृत बोर्ड के अध्यक्ष भोला यादव सासंद कौशलेन्द्र कुमार स्थानीय विधायक राकेश कुमार रौशन अस्थावां विधायक जितेन्द्र कुमार के द्वारा दीप प्रज्जविलत कर किया गया।
कार्यक्रम के दौरान उपस्थित लोगो को सम्बोधित करते हुए बिहार संस्कृत बोर्ड के अध्यक्ष भोला यादव ने कहा कि संस्कृत शिक्षकों की मांग सहानभूति पूर्वक विचार किया जा रहा है।उन्होनें कहा कि संस्कृत भाषा प्राचीन काल से चली आ रही है जो की आज के समय मे देखा जा रहा की संस्कृत भाषा विलुप्त होती जा रही है। जिसे धरातल पर पुन:लाने का प्रयास किया जा रहा है। बहुत जगहों पर संस्कृत विधालय का भवन जो शीर्ण अवस्था मे है। उसे जिर्णोद्वार को लेकर हमारी सरकार की कोशिश है की उसे जल्द से जल्द बनवाया जाए।
आज समीक्षा बैठक के दौरान जो तथ्य सामने आए है। उसे संज्ञान मे लिया गया है। हमारे शिक्षकों के द्वारा जो भी मांग किया गया है। उसे नियमावली के तहत पुरा करने का प्रयास करूंगा। बोर्ड की व्यवस्था भी अपडेट कर दी गई है। और इसका प्रभाव जल्द ही सभी को देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा की स्कूलों मे संस्कृत अध्यापकों एंव विधार्थियों कि संख्या बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। संस्कृत को पढ़ाने के तौर तरीके मे भी बदलाव की जरूरत है। तभी बच्चे इस ओर ज्यादा झुकेगें। साथ ही संस्कृत विधालयों को भी सभी रूप से संपन्न बनाने की जरूरत है।
सांसद कौशलेन्द्र कुमार ने कहा कि संस्कृत हमारे देश की संस्कृति है जो धीरे धीरे लुप्त होती जा रही थी। उसे हमारे मुख्यमंत्री नितिश कुमार ने धरातल पर उतारने का किया है। उन्होंनें खराब हुई शिक्षा व्यवस्था को पुरी तरह से सुधारने का काम किया है। सभी विधालय को नया भवन बनाने के साथ छात्र छात्राओं के शिक्षा के लिए कई योजनाएं चला रखी है।जिसका लाभ आज लोग ले रहे है। वही विधायक राकेश कुमार रौशन ने लोगों को संस्कृत की शिक्षा लेनी चाहिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं उपमुख्मंत्री तेजस्वी यादव की सरकार बिहार तेजी के साथ विकास कर रहा है। बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष भोला यादव जब से बने है। तब से संस्कृत विधालयों की खराब स्थिती को सुधारने मे लगे हुए है।
हिन्दुस्थान समाचार/प्रमोद
/चंदा
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