नालंदा के किसान अपनाएंगे पर्यावरण हितैषी खेती

WhatsApp Channel Join Now
नालंदा के किसान अपनाएंगे पर्यावरण हितैषी खेती


नालंदा,बिहारशरीफ 6 जून (हि.स)। नालंदा जिले के किसान ज़मीन से ‘सोना’ उगाएँगे। सोने से आशय है पोषक तत्वों से भरपूर, स्वास्थ्यवर्धक और उच्च गुणवत्ता वाली उपज। यह तब संभव होगा जब प्राकृतिक खेती को अपनाकर कृषि कार्य करेंगें। धीरे-धीरे जिले के किसान रासायनिक खेती से हटकर जैविक खेती की ओर रुख कर रहे हैं। रासायनिक खादों और कीटनाशकों के दुष्परिणामों को समझते हुए अब किसान कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाली और पर्यावरण हितैषी खेती की ओर अग्रसर हो रहे हैं।गुरुवार को सिलाव प्रखंड के जुनेदी गांव में प्रज्ञा कृषक हित समूह, तिलैया (राजगीर) की टीम ने आत्मा अध्यक्ष विरेश कुमार के निवास पर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया।

इस दौरान जुनेदी फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी से जुड़े दो दर्जन से अधिक महिला-पुरुष किसानों को प्राकृतिक खाद तैयार करने का प्रशिक्षण दिया गया।प्रशिक्षण में बताया गया कि गुड़, गोबर, मट्ठा, सहजन, अकमल, पपीता, सिरिस, आंवला, नीम पत्ती, नीम की खली, सरसों की खली, अरंडी के पत्ते, धतूरा के फूल-पत्ते-फल, गाय का ताजा गोबर व गौमूत्र, चने का बेसन आदि से कैसे उत्तम गुणवत्ता वाली प्राकृतिक खाद “स्वायल प्रोबायोटिक्स” तैयार की।इस मौके पर अध्यक्ष ने बताया कि यह खाद मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाती है, मित्र कीटों को बढ़ावा देती है और हानिकारक कीटों व फफूंदों को जैविक तरीके से नष्ट करती है। इससे फसलों में कल्ले अधिक निकलते हैं, दाने पुष्ट होते हैं और आयरन युक्त पोषक तत्वों की मात्रा भी बढ़ जाती है।

उन्होंने बताया कि यह खाद मिट्टी को भुरभुरी बनाकर उसमें जलधारण क्षमता भी बढ़ाती है, जिससे सिंचाई की आवश्यकता कम होती है और जल स्तर में सुधार आता है।

प्राकृतिक खेती के प्रमुख लाभ

मिट्टी की उर्वरता का संरक्षण, खेती की लागत में भारी कमी, किसानों की आय में वृद्धि,मानव स्वास्थ्य की सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण, विदेशी मुद्रा की बचत।

सीएमडी विरेश कुमार ने कहा कि रासायनिक खेती के कारण खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता घट रही है, और मिट्टी की संरचना भी बिगड़ रही है। प्राकृतिक खेती इन समस्याओं का स्थायी समाधान है।प्रशिक्षण में शामिल 75 किसानों ने अगले एक सप्ताह में अपने-अपने घरों पर इस खाद को बनाकर अपने खेतों में प्रयोग करने का संकल्प लिया है।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / प्रमोद पांडे

Share this story