नालंदा में किसानों का यूनिक फार्मर आईडी बनाने का कार्य प्रारंभ

नालंदा, 16 अप्रैल (हि.स.)।
नालंदा जिलान्तर्गत प्रखंड के माधोपुर पंचायत में किसानों के लिए यूनिक फार्मर आईडी बनाए जाने का कार्य 11 अप्रैल से प्रारंभ हो गया है। यह पहल आधार कार्ड की तर्ज पर की जा रही है, जिसका उद्देश्य किसानों को एक विशिष्ट डिजिटल पहचान प्रदान करना और विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उन तक सरलता से पहुंचाना है।अभी तक कुल 21 किसानों का सफलतापूर्वक पंजीकरण किया गया है।
प्रखंड कृषि पदाधिकारी (प्रशिक्षु) अनीशा कुमारी ने बताया “यूनिक फार्मर आईडी के माध्यम से किसानों का पूरा प्रोफाइल एक क्लिक पर उपलब्ध हो जाएगा। इससे उन्हें सस्ती दरों पर ऋण, कृषि इनपुट, तकनीकी सलाह और विपणन की सुविधा भी आसानी से मिलेगी।”
उन्होंने यह भी बताया कि चालू वित्तीय वर्ष से कृषि विभाग की सभी योजनाओं का लाभ लेने के लिए फार्मर आईडी अनिवार्य कर दिया गया है। इनमें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, बीज अनुदान, फसल सहायता अनुदान, प्रत्यक्षण एवं सहकारिता योजनाएं शामिल हैं।फार्मर आईडी के माध्यम से एक डिजिटल डाटाबेस तैयार किया जा रहा है, जिसमें किसानों की भूमि, फसल अच्छादन, पशु संसाधन, मोबाइल नंबर, आधार नंबर, खाता संख्या, खेसरा और जमाबंदी से संबंधित जानकारियां सम्मिलित की जा रही हैं।
अधिकारियों के अनुसार, “आईडी नंबर दर्ज करते ही किसान से जुड़ी सारी जानकारियां मोबाइल या कंप्यूटर स्क्रीन पर तुरन्त उपलब्ध होंगी।”
अब किसानों को बार-बार ई-केवाईसी या खसरा-खतियान दिखाने की आवश्यकता नहीं होगी, क्योंकि सारी जानकारी पहले से ही सिस्टम में दर्ज होगी।फार्मर आईडी के लिए किसानों को कुछ जरूरी दस्तावेज शिविर में लाने होंगे जिनमें आधार कार्ड, आधार से लिंक मोबाइल नंबर और भूमि की अद्यतन जमाबंदी रसीद शामिल हैं। पंजीकृत किसानों को आगे एग्रीस्टेक परियोजना से भी जोड़ा जाएगा, ताकि कोई भी पात्र किसान सरकारी लाभ से वंचित न रह सके।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रमोद पांडे