नालंदा में पान विकास योजना प्रारंभ किसानों को पचास प्रतिशत अनुदान
नालंदा, 12 अप्रैल (हि.स.)। भारत में पान की खेती का ऐतिहासिक और आर्थिक महत्व है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पान कि खेती के लिए किसानों को पान विकास योजना 2025 शुरू की है।इस योजना के तहत नालंदा जिले में किसानों को 50% तक का अनुदान दिया जाएगा। इस योजना से किसानों की आय में वृद्धि होगी और पान की खेती को नया प्रोत्साहन मिलेगा।पान विकास योजना का उद्देश्य पान की खेती को संरक्षित और विस्तारित करना है। इस योजना के अंतर्गत किसानों को आर्थिक सहायता दी जाएगी, ताकि वे आधुनिक तकनीक अपनाकर बेहतर उत्पादन कर सकें।
नालंदा जिले का मगही पान अपनी गुणवत्ता के लिए प्रसिद्ध है और सरकार इसके उत्पादन को बढ़ावा देना चाहती है।बिहार सरकार पान किसानों को पान विकास योजना के तहत 100 वर्गमीटर में पान की खेती करने वाले किसानों को ₹11,750 अनुदान मिलेगा।वहीं 300 वर्गमीटर में खेती करने पर ₹35,250 अनुदान मिलेगा।300 वर्गमीटर की खेती पर कुल ₹70,500 लागत आती है, जिसका 50% अनुदान सरकार देगी।किसानों को यह राशि सरकारी पोर्टल पर आवेदन करने के बाद प्राप्त होगी। वही जो किसान पिछले 1-2 वर्षों में इस योजना का लाभ ले लिया है वे इस बार आवेदन नहीं कर सकते हैं।एक बार लाभ लेने के बाद तीन साल तक दोबारा इस योजना का लाभ नहीं दिये जाने का प्रावधान है।
नालंदा जिले के इस्लामपुर और राजगीर में लगभग 400 बीघे में पान की खेती होती है। बौरीसराय, बौरीडीह और खुदागंज गांवों के किसान मगही पान के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध हैं। नालंदा से बनारस और गया की मंडियों में बड़ी मात्रा में पान की खेप भेजी जाती है।इस योजना से करीब 20,000 परिवार लाभान्वित होंगे जो पान की खेती पर आश्रित हैं। यह योजना किसानों की आय बढ़ाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने में सहायक होगी।इस योजना के तहत किसान अकेले या समूह बनाकर पान की खेती कर सकते हैं। समूह में खेती करने पर लागत कम होती है और ज्यादा मुनाफा हो सकता है।पान की खेती के लिए फरवरी से जून तक का समय सबसे उपयुक्त होता है। इस दौरान तापमान और नमी सही स्तर पर होते हैं, जिससे पौधों का तेजी से विकास होता हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रमोद पांडे

