जिले के नगरनौसा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव के नाम पर अवैध वसूली का मामला उजागर
नालंदा, बिहारशरीफ 20 दिसंबर (हि.स.)।नालंदा जिले के नगरनौसा प्रखंड अंतर्गत सरकार और स्वास्थ्य विभाग वर्षों से प्रखंड को गृह प्रसव मुक्त बनाने का दावा कर रहे हैं। इसके लिए संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जननी सुरक्षा योजना निशुल्क दवा भोजन और परिवहन जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। बावजूद इसके नगरनौसा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव के नाम पर अवैध वसूली का मामला सामने आना सरकारी दावों पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
बताया जाता है कि नगरनौसा पीएचसी में वर्षों से प्रसव कराने वाली महिलाओं से अवैध वसूली की शिकायतें मिलती रही हैं, लेकिन जांच के नाम पर केवल औपचारिकता निभाई जाती रही, जिससे लेबर रूम में कार्यरत कर्मियों का मनोबल बढ़ा हुआ है। शनिवार को पीएचसी का निरीक्षण करने पहुंचे बीस सूत्री अध्यक्ष सतीशचंद्र प्रसाद, उपाध्यक्ष अभय नंदन पांडेय तथा सदस्य कुशरेंद्र प्रसाद और चंदन चौधरी के समक्ष एक प्रसूता ने अवैध वसूली की शिकायत की।
प्रसूता ने बताया कि प्रसव के दौरान एएनएम द्वारा 600 रुपये, ममता कार्यकर्ता द्वारा 100 रुपये तथा आशा द्वारा 100 रुपये लिए गए। महिला को शुक्रवार को ही भर्ती किया गया था लेकिन उसे न तो कंबल उपलब्ध कराया गया और न ही कोई नाश्ता या भोजन दिया गया है।
निरीक्षण के बाद मामला उजागर होने पर स्वास्थ्य कर्मियों में हड़कंप मच गया। हालांकि चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. धनेश कुमार ने कहा कि यह मामला उनके संज्ञान में नहीं था। यदि जांच में अवैध वसूली की पुष्टि होती है, तो दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि यह कोई एक मामला नहीं बल्कि पीएचसी में व्याप्त एक गंभीर समस्या की झलक मात्र है जिस पर सख्त कार्रवाई आवश्यक है।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रमोद पांडे

