त्रिदिवसीय अन्तरराष्ट्रीय सेमिनार में संस्कृत भाषा साहित्य के संरक्षण व संवर्धन पर विमर्श
मधुबनी,29 मार्च, (हि.स.)। जेएनबी आदर्श संस्कृत काॅलेज लगमा में त्रिदिवसीय अन्तरराष्ट्रीय सेमिनार का शुरूआत शुक्रवार को हुई।प्राचार्य डा सदानन्द झा के संयोजन में आयोजित कार्यक्रम में संस्कृत भाषा साहित्य के विशिष्ट विद्वानों ने अपना मंतव्य दिया।
सेमिनार की बैषयिक सम्भाषण की मूल अवधारणा संस्कृत भाषा साहित्य के संरक्षण व संवर्धन से रहा।सेमिनार में प्रदत्त निमित्त विषयक मिथिलायां शास्त्रीय परम्परायाः वैशिष्ट्यम् निर्धारित रहा।वेद विभागाध्यक्ष डा कृष्णमोहन झा के मंगलाचरण से प्रारम्भ कार्यक्रम में महाविद्यालय के विभिन्न विषयक प्राध्यापकों सहित छात्र- छात्राओं ने हिस्सा लिया।
पूर्व कुलपति डाॅ. शशिनाथ झा ने कहा कि संस्कृत भाषा साहित्य के संरक्षण व संवर्धन को सरकार कृतसंकल्पित है।संस्कृत भाषा साहित्य के प्रभाव से ही ऐतिहासिक सांस्कृतिक पौराणिक धार्मिक धरोहर की रक्षा हो रही है।पूर्व कुलपति
डाॅ. शशिनाथ झा ने कहा कि मिथिलांचल परिक्षेत्र में शास्त्रार्थ की परम्परागत पौराणिक वर्णन प्रस्तुतीकरण विभिन्न अभिलेखों में उल्लेखित है। उन्होंने कहा कि मिथिलांचल के विद्वान अपनी विद्वता से प्रचलित होते रहे।
कार्यक्रम में कासिद संस्कृत विश्वविद्यालय के धर्मशास्त्र विभागाध्यक्ष डाॅ. श्रीपति त्रिपाठी ने वेद उपनिषद व विभिन्न धर्म ग्रन्थों की वृहत वर्णन किया।
कार्यक्रम में डाॅ. रमेश कुमार झा,आकाश पाण्डेय, डाॅ. सुशील चौधरी डाॅ. संगीत कुमार डाॅ. नागेन्द्र झा सहित अन्य विशिष्ट लोग उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/डा लम्बोदर/चंदा
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