बंगाली ढाला रेलवे ओवर ब्रिज को लेकर 16 दिसम्बर को होगा समाहरणालय के समक्ष धरना प्रदर्शन : किशोर कुमार
सहरसा,01 दिसंबर (हि.स.)। सहरसा में बंगाली बाज़ार ओवर ब्रिज निर्माण की मांग को लेकर नव निर्माण मंच सहरसा द्वारा आगामी 16 दिसम्बर को समाहरणालय के समक्ष धरना प्रदर्शन किया जायेगा। उक्त जानकारी शुक्रवार को नव निर्माण मंच के संस्थापक सह पूर्व विधायक किशोर कुमार ने नगर के प्रमुख लोगों के साथ मिलकर दी। जिनमें त्रिभुवन प्रसाद सिंह, डॉ सुरेंद्र झा, रोहित साह, डॉ नवनीत सिंह, पंकज सिंह, सोनू सिंह, मनोज साह,गोबिंद साह,दीपक पोद्दार मौजूद रहें।पूर्व विधायक श्री कुमार ने कहा कि ओवर ब्रिज के अब तक निर्माण ना हो पाने में केंद्र और राज्य सरकार की उदासीनता के साथ स्थानीय जनप्रतिनिधियों की अकर्मण्यता जिम्मेदार है। दोनों सरकारों ने इस मामले में कोर्ट को गुमराह किया है।
उन्होने बताया कि सहरसा में बंगाली बाज़ार ओवर ब्रिज के मामले में केंद्र और राज्य सरकार दोषी है।माननीय उच्च न्यायालय पटना में दोनों सरकारों ने मजबूती से पहल नहीं की। जिससे कि यह मामला अटका है। आखिर क्या दोष है यहाँ की जनता का है।जिसकी सजा आमजनता को भुगतनी पड़ती है।उन्होंने कहा कि अभी कोर्ट ने दोनों रेलवे और पुल निर्माण निगम से कहा कि वे अब कोर्ट से बाहर तय कर बतावे कि पुल कहां बनेगा। जबकि रेलवे ने 4 बार के प्रस्ताव अलॉटमेंट चेज को रद्द कर दिया। पुल निगम ने अपना प्रस्ताव बदल दिया और रेलवे में आर ओ बी निर्माण का प्रस्ताव पुनः भेजा, जिसे रेलवे ने अस्वीकृत कर दिया।
उक्त बातों को लेकर खुद नामदार लोग पटना उच्च न्यायालय में रीट पिटिशन दायर किया है।वही अब तारीख दर तारीख देकर आर ओ बी निर्माण में जानबुझ कर देर किया जा रहा है।जबकि रेलवे और निगम पुराने अलॉटमेंट पर ही निर्माण को सहमत है।अब ऐसे में किस की बातों पर भरोसा किया जाए। मुझे पूरा आशंका है कि जानबूझ कर दोनों विभागों द्वारा इस मामले को कोर्ट में लंबित रखा गया है। यदि ईमानदारी दोनों ओर से न्यायालय में अपना पक्ष रखा गया होता तो कब का आर ओ बी निर्माण का मार्ग प्रशस्त होता।मैं केंद्र और राज्य सरकार से मांग करता हूँ कि अब सहरसा के लोगों की परीक्षा लेना बंद करें।
ज्ञात हो कि पिछले 27 सालों से आर ओ बी निर्माण में कुछ नामदार जानबुझ कर निर्माण में रोड़ा अटकाए हुए हैं। 2022 में 11 बार निविदा की तारीख का विस्तार किया गया।2023 में लगभग चार बार शिलान्यास के बावजूद भी आज तक आरओबी ब्रिज का निर्माण नहीं होना। यहां की जनता के साथ धोखा है।
हिन्दुस्थान समाचार/अजय/चंदा
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