प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के तत्वाधान में स्वर्णिम भारत नवनिर्माण आध्यात्मिक प्रदर्शनी

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प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के तत्वाधान में स्वर्णिम भारत नवनिर्माण आध्यात्मिक प्रदर्शनी


प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के तत्वाधान में स्वर्णिम भारत नवनिर्माण आध्यात्मिक प्रदर्शनी


समस्तीपुर, 01 दिसम्बर (हि.स.)। जिले में शिवाजीनगर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा प्रखंड के दुर्गा मंदिर परिसर में आयोजित तीन दिवसीय स्वर्णिम भारत नवनिर्माण आध्यात्मिक प्रदर्शनी एवं राजयोग मेडिटेशन शिविर का उद्घाटन शुक्रवार को हुआ।

इसका उद्धाटन प्रखंड प्रमुख डॉ गोविंद कुमार, जिला पार्षद् पति बबलू सिंह, रामभद्रपुर के मुखिया रामचंद सिंह, ओमप्रकाश भाई, बीके सविता बहन ने सामूहिक रूप से किया। इस मौके पर प्रखंड प्रमुख ने कहा कि यह आयोजन प्रखंड वासियों के लिए उपहार है। आज समाज में व्याप्त तनाव, चिंता, दुःख, भय का माहौल मिटाकर शान्ति, खुशी, प्रेम का वातावरण बनाने की शिक्षा इस प्रदर्शनी के माध्यम से दी जा रही है, जो प्रशंसनीय और सराहनीय कदम है। उन्होंने प्रखंड वासियों से अपने इष्ट-मित्रों सहित बढ़-चढ़कर इसका लाभ लेने का आह्वान किया।

समस्तीपुर के बीके ओम प्रकाश भाई ने अपने संबोधन में कहा कि भारत का शाब्दिक अर्थ है जो निरंतर ज्ञान के प्रकाश से प्रकाशित हो। भारत ने सारे विश्व को ज्ञान का प्रकाश दिया। जिसका प्रतिफल था कि यह भारत सोने की चिड़िया था, जहां घी-दूध की नदियां बहती थीं, शेर-बकरी एक घाट पर पानी पीते थे, चरों ओर सुख-शान्ति-समृद्धि थी। ऐसी स्वर्णिम भारत की पुनर्स्थापना करने हेतु भारत भाग्य विधाता निराकार परमपिता शिव परमात्मा अपना दिव्य कर्तव्य इस भारत भूमि पर कर रहे हैं। जिसकी संपूर्ण रूपरेखा इस प्रदर्शनी के माध्यम से प्रदर्शित की गई है। स्वर्णिम भारत कैसा होगा ? इसकी स्थापना कैसे की जा रही है ? हमारी किस भूल ने स्वर्णिम भारत की यह दशा कर दी ? स्वर्णिम भारत की स्थापना में भारत के प्राचीन राजयोग की क्या भूमिका है ? उस स्वर्णिम भारत में हम कैसे चल सकते हैं ? इसकी स्पष्ट जानकारी संक्षिप्त रूप में इस प्रदर्शनी के माध्यम से दी जायेगी और हमारा वर्तमान जीवन खुशी-शान्ति से भरपूर कैसे हो। इसकी भी विधि बताई जायेगी।

हिन्दुस्थान समाचार/त्रिलोकनाथ

/गोविन्द

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