अयोध्या से आये अक्षत कलश को दर्शन के लिये राम जानकी ठाकुरबाड़ी में रखा गया

अयोध्या से आये अक्षत कलश को दर्शन के लिये राम जानकी ठाकुरबाड़ी में रखा गया
WhatsApp Channel Join Now
अयोध्या से आये अक्षत कलश को दर्शन के लिये राम जानकी ठाकुरबाड़ी में रखा गया


अयोध्या से आये अक्षत कलश को दर्शन के लिये राम जानकी ठाकुरबाड़ी में रखा गया


सहरसा,17 दिसंबर (हि.स.)। अयोध्या से राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा हेतु पूजित अक्षत कलश का स्थानीय शंकर चौक स्थित राम जानकी ठाकुरबाड़ी,मंदिर प्रांगण में विहिप के पूर्व जिला मंत्री सह छात्र संघ अध्यक्ष सागर कुमार नन्हें के द्वारा लाया गया उसके बाद मंदिर प्रांगण में विभाग संघचालक उमाशंकर खा को सौपा तत्पश्चात पूजन किया गया।

अक्षत कलश पहुचते ही लोगों ने पुष्प वर्षा शुरू कर जय श्री राम के जयघोष गूंजने लगा। अक्षत कलश आम लोगों के दर्शन केलिए राम जानकी ठाकुरबाड़ी में रखा गया है। जो लोगों के अक्षत कलश दर्शन के लिए व्यवस्था बनाया गया है ताकि अयोध्या के आए अक्षत कलश दर्शन में लोगों को परेशानी नहीं हो।

विदित हो की 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन होने जा रहा है। इस हेतु देश के सभी प्रखंडों में अक्षत कलश अयोध्या से प्राण प्रतिष्ठा पूजन हेतु भेजा गया। इसके अलावा रोड़ी,चंदन,आमंत्रण पत्र एक एक स्वयं सेवक कार्यकर्ता सभी घरों तक लेकर जाएंगे।सहरसा में भी इस अक्षत कलश के पूजन के बाद सभी प्रखंड,सभी पंचायत,सभी गांव तक अक्षत कलश जाएगा।

आज इस अक्षत पूजन कार्यक्रम के दौरान विभाग संघचालक उमा शंकर खां ने संबोधित करते हुए कहा की 500 वर्षों की तपस्या हिंदू समाज का पूर्ण हुआ। उन्होंने कहा कि राजा विक्रमादित्य के द्वारा बनाया गया भव्य राम मंदिर को 1528 ईस्वी में जब तोड़ा गया तो उसे वक्त लाखों हिंदुओं को मौत के घाट उतार कर राम मंदिर को तोड़ा गया था। इतना ही नहीं कई माता और बहनों पर तत्कालीन मुगलिया सल्तनत ने अत्याचार किया ।इसके बाद लगातार राम मंदिर के निर्माण के लिए हिंदू समाज यह संकल्प लेकर की एक दिन में नहीं लेकिन एक दिन जरूर राम मंदिर बनेगा। सतत प्रयास एवं संघर्ष करता रहा। इसी का प्रतिफल रहा की 1950 के बाद राम मंदिर के मुद्दे को लेकर भारत के अंदर समस्त सनातनी संघर्ष करते रहे और 1990 में कर सेवा का आरंभ शुरू किया। इसके बाद 1992 में विवादित ढांचा को सनातनियों ने अपने 500 साल से हुए अपमान का बदला लेते हुए विवादित ढांचा को तोड़कर गिरा दिया।

यह राम मंदिर सिर्फ राम मंदिर ही नहीं बल्कि समस्त सनातनियों और भारत का स्वाभिमान का प्रतीक है।यह राष्ट्र का मंदिर है। यह भारत की गौरव गाथा और भारतीय संस्कृति को प्रकट करने वाला केंद्र है। आज अयोध्या से आई इस अक्षत कलश के पूजन करके हम सभी सहरसा वासी धन्य हो गए हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/अजय/चंदा

हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्‍वाइन करने के लि‍ये  यहां क्‍लि‍क करें, साथ ही लेटेस्‍ट हि‍न्‍दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लि‍ये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लि‍ये  यहां क्लिक करें।

Share this story