माध्यमिक शिक्षक संघ ने कहा आपातकाल से भी खतरनाक स्थिति पैदा कर रहा है शिक्षा विभाग

माध्यमिक शिक्षक संघ ने कहा आपातकाल से भी खतरनाक स्थिति पैदा कर रहा है शिक्षा विभाग
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माध्यमिक शिक्षक संघ ने कहा आपातकाल से भी खतरनाक स्थिति पैदा कर रहा है शिक्षा विभाग


बेगूसराय, 27 दिसम्बर (हि.स.)। नीतीश कुमार की कैबिनेट में लिए गए निर्णय के आधार पर बने बिहार अध्यापक नियमावली को माध्यमिक शिक्षक संघ ने विसंगति पूर्ण करार दिया है। इस नियमावली की त्रुटियों को लेकर शिक्षक संघ के प्रतिनिधि 30 दिसम्बर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात करेंगे।

बेगूसराय शिक्षक संघ भवन में बुधवार को आयोजित प्रेसवार्ता में बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह एवं उपाध्यक्ष डॉ. सुरेश प्रसाद राय ने कहा कि नीतीश कुमार की सरकार ने कल शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा देने के फैसले का हम स्वागत करते है। लेकिन नियमावली में भयंकर त्रुटियां हैं।

इसमें जो प्रावधान किया गया है, उसे मुख्यमंत्री ने पढ़ा ही नहीं है। इससे विसंगति पैदा नहीं होनी चाहिए, यह अपमानजनक है। इसमें सुधार नहीं हुआ तो एक बार फिर संघर्ष तेज किया जाएगा। नियमावली बनाने से पहले सरकार ने प्रारूप प्रकाशित कर इससे संबंधित हित वर्ग से आपत्ति और सुझाव मांगे थे। एक लाख आपत्ति एवं सुझाव भेजे गए, लेकिन उस पर ध्यान नहीं देकर कानून के साथ धोखा किया गया है।

यह उच्चतम न्यायालय के आदेश का भी उल्लंघन है। शिक्षकों के स्थानांतरण के लिए बनाया गया नियम गलत है। वरीयता का भी आधार स्पष्ट नहीं किया गया है। एक विद्यालय में शिक्षकों की चार अलग-अलग श्रेणी रखना अपमानजनक है। सक्षमता परीक्षा के लिए किया गया निर्धारण गलत है। इस नियमावली ने सरकार के सभी उपलब्धियां पर पानी फेर दिया है।

विसंगति दूर नहीं हुई तो हम लड़कर लक्ष्य हासिल करेंगे। क्योंकि हमें अभी सभी शिक्षक दक्ष हैं। 11 जुलाई को शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन में शामिल हजारों शिक्षक-शिक्षिकाओं के वेतन कटौती एवं निलंबन की कार्रवाई की गई, उसे वापस करना ही पड़ेगा। शिक्षकों को शाम पांच बजे तक विद्यालय में रखना, बच्चों के लिए अतिरिक्त क्लास की व्यवस्था करना या ना सिर्फ गलत है, बल्कि शिक्षक-शिक्षिका और छात्र-छात्र सभी के साथ अमानवीय व्यवहार है।

शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा जारी किया जा रहा शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009, राष्ट्रीय पाठ्यचर्या एवं संविधान में प्रदत्त मौलिक अधिकार का भी उल्लंघन है। संविधान के तहत संघ-संगठन बनाने का अधिकार सभी को है। लेकिन शिक्षा विभाग ने उस पर भी रोक लगा दिया है। यह स्थिति इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल से भी खतरनाक है।

उन्होंने कहा कि माध्यमिक शिक्षक संघ का प्रतिनिधिमंडल 30 दिसम्बर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलेगा, विसंगतियों के संबंध में लिखित अनुरोध करेंगे। विसंगति दूर नहीं हुई तो संघर्ष का रास्ता बना हुआ है, हम फिर लड़ेंगे। प्रेसवार्ता में माध्यमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष सुधाकर राय, उपाध्यक्ष श्याम नंदन सिंह एवं चंद्र किशोर कुमार भी उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र/गोविन्द

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