हर घर नल जल योजना एक अधूरा सपना, धरातल पर कोसों दूर
सहरसा, 15 दिसंबर (हि.स.)।हर घर नल का जल, बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है जो 2015 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सात निश्चयों के अंतर्गत शुरू हुई थी, आज भी अपनी राह तकती नज़र आती है।
इस योजना का उद्देश्य हर घर तक स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल पहुंचाना था, लेकिन ज़मीनी हक़ीक़त इससे कोसों दूर है।कोशी सेवा सदन, सर्वोदय आश्रम से महज दो सौ मीटर पर विभागीय पानी का पाइप लगा हुआ है किन्तु कई महीनों से विभाग के द्वारा शुद्ध पाने के पानी का कनेक्शन नहीं दिया जा रहा है।
आधिकारिक पोर्टल जब शिकायत की गई तो अनेकों कॉल और स्थलीय जांच की गई परन्तु अभी तक ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। महिषी गांव में तकरीबन 95 प्रतिशत घरों में पाइपलाइन शुद्ध पानी नहीं आ रहा है।
स्थानीय प्रफुल्ल कुमार चौधरी, प्रतिभा चौधरी, प्रीति पाठक, मनोज मिश्र स्थित अनेकों लोगों ने बताया की शुद्ध पानी विभाग द्वारा नहीं देने के कारण बाजार से शुद्ध पानी खरीद कर उपभोग कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि सरकार के इस योजना का लाभ आम जन मानस को क्यूं नहीं मिल रहा है? नई सरकार और नये मंत्री से आम नागरिक आशा भरी नजरों से देख रहे हैं।
बिहार के भूजल में आर्सेनिक और आयरन की अधिकता इस समस्या को और जटिल बना रही है। विभिन्न अध्ययनों में बिहार के पानी में आर्सेनिक की मौजूदगी पाई गई थी। आज, राज्य के 18 जिलों में भूजल आर्सेनिक से प्रभावित है। कोशी के कछार और समूचे इलाके में इस समस्या की गंभीरता अधिक है, और लगभग 40% आबादी इसके संपर्क में है। यह स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रहा है, विशेष रूप से गॉल ब्लैडर के कैंसर जैसी बीमारियों का जोखिम बढ़ा रहा है।
बिहार सरकार ने ‘हर घर नल का जल’ योजना के लिए बड़े-बड़े बजट का प्रावधान किया। वित्तीय वर्ष 2022-23 में इस योजना के लिए 1,110 करोड़ रुपये का बजट रखा गया था। 2020 में सरकार ने दावा किया था कि इस योजना का 60% कार्य पूरा हो चुका है।योजना के तहत पंप संचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी ठेकेदारों को सौंपी गई थी। लेकिन ठेकेदारों को समय पर भुगतान नहीं होता, और पंप चालकों को केवल 3,000 रुपये मासिक वेतन दिया जाता है।
वह भी महीनों तक अटका रहता है। जिन ग्रामीणों ने अपनी जमीनें पंप और टंकी लगाने के लिए दी थीं, वे भी खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।स्थानीय लोगों का एक स्वर में कहना है कि विभागीयअभियंताओं और ठीकेदारों के कारण सरकार की बहुउद्देशीय योजना धरातल पर निर्मूल साबित हो रही है।
हिन्दुस्थान समाचार / अजय कुमार

