गायत्री शक्तिपीठ में परिष्कार सत्र सह ज्ञान दीक्षा समारोह आयोजित
सहरसा,07 अप्रैल (हि.स.)। गायत्री शक्तिपीठ में रविवार को व्यक्तित्व परिष्कार सत्र हुआ।वही शक्तिपीठ में गायत्री परिवार ट्रस्ट के अंतर्गत कम्प्यूटर शिक्षण संस्थान जो पिछले 10 वर्षो से अब तक 4100 बच्चों को प्रशिक्षण देता आ रहा है।उसी क्रम में आज कम्प्यूटर शिक्षण संस्थान के नये सत्र का ज्ञान दीक्षा समारोह तथा पुराने बैच का दीक्षांत समारोह समावर्तन समारोह दीप प्रज्वलित कर हुआ।
दीप प्रज्वलन में डा कल्याणी सिंह उषा जायसवाल,एम एल टी कालेज के प्राचार्य पंकज कुमार यादव, डा गौतम सिंडिकेट सदस्य,प्रोफेसर पूनम ई कालेज, हरीश जायसवाल एवं प्रियवर के द्वारा किए गए। इन लोगों का स्वागत तिलक लगाकर मंत्र दुपट्टा से स्वागत किए गए। शक्तिपीठ के जिला संयोजक ललन कुमार सिंह, सिंधु देवी और आनंद ने किया।
अवसर पर डाक्टर अरुण कुमार जायसवाल कहा-दीक्षा क्या है।किसी साधना में संकल्प पूर्वक लक्ष्य बनाकर प्रवेश करना दीक्षा है।वस्तुतः यह ज्ञान की साधना है।शिक्षा का कार्य है संसार में सफल होना एवं जीवन विद्या का काम है जीवन में सफल होना। जीवन को समझना,सीखना एवं सिखाना हीं जीवन विद्या है।यहां व्यक्तित्व परिष्कार सत्र के द्वारा छात्र एवं छात्राओं का समग्र विकास किया जाता है।चिंतन की विकृति को दूर करने के लिए गायत्री मंत्र द्वारा सभी का आत्मबल मनोबल बढ़ाया जाता है।
सत्र को संबोधित करते हुए डाॅ. अरुण कुमार जायसवाल ने कहा हम ऋषियों के संतान हैं। हमारे पूर्वज ऋषि थे।विवेकानंद ने कहा था समझ,विवेक तब विकसित होता है जब दुनियां छोड़ने का वक्त आता है।आप सभी का अभी जाने का वक्त नहीं है।आप सभी अपने समझ को विकसित कीजिए।
इस अवसर पर कम्प्यूटर शिक्षण संस्थान के पुराने बैच के उत्तीर्ण छात्र छात्राओं को प्रमाण पत्र दिए गए एवं परीक्षा मे प्रथम द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले को उपहार स्वरूप एक एक लैपटाप दिए गए। जिसमें प्रथम स्थान पाने वाले छात्रा-संजना कुमारी,द्वितीय स्थान पाने वाले छात्र-आदित्य कुमार तथा तृतीय स्थान पाने पानेवाली छात्रा कनक नंदनी को दी गई।
ज्ञातव्य हो कि प्रशांत जायसवाल के द्वारा यह लैपटाप उपहार स्वरूप प्रत्येक बैच में दी जाती है।इस कार्य में मद्रास के विनित साहू का भी सहयोग मिलता है।कार्यक्रम में प्रशांत जायसवाल के माताजी उषा जायसवाल उपस्थित थी।
9 अप्रैल को प्रातःकालीन 7-बजे चैत नवरात्र अनुष्ठान काकलश स्थापन एवं पूजन विधि-विधान से होगी।इस अवसर पर सभी प्रकार के संस्कार संपन्न होंगे।नवरात्र का पूर्णाहुति 17-अप्रैल को होगी ।
हिन्दुस्थान समाचार/अजय
/चंदा
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