रेलवे ओवर ब्रिज रुकने का मुख्य कारण तथाकथित नेता जिम्मेदार : डॉक्टर आलोक रंजन


सहरसा,17 दिसंबर (हि.स.)। रेलवे ओवर ब्रिज सहरसा के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण जनभावना है। हर लोग चाहते हैं कि प्रस्तावित ओवर ब्रिज जल्द से जल्द बने लेकिन यहां के तथाकथित नेताओं द्वारा दोहरा चरित्र अपना कर जनता को बरगलाने का काम कर रहे हैं।रेलवे ओवरब्रिज मुकदमे के चक्कर में एवं नगर निगम चुनाव के कारण मामला अधर में लटका है। उक्त बातें रविवार को आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान विधायक डॉक्टर आलोक रंजन ने कहीं।
उन्होंने कहा कि रेलवे ओवर ब्रिज के लिए विगत कई वर्षों से बार-बार शिलान्यास कर टेंडर की प्रक्रिया नहीं की जाती थी। निश्चित रूप से सहरसा के लोगों के लिए ओवर ब्रिज अति आवश्यक है। डॉ रंजन ने कहा कि मैं जब पहली बार विधायक बना। तब से लेकर आज तक इस ओवर ब्रिज रेल निर्माण के लिए अथक प्रयास कर रहा हूं। मैंने प्राथमिकता के आधार पर विधायक के रूप में सहरसा के लोगों के आशीर्वाद से मंत्री बनने पर रेलवे ओवरब्रिज के लिए पुनः प्रयास शुरू किया। राज्य सरकार को केंद्र सरकार से राशि वापस चला जाता था।मंत्री बनने पर 78 करोड़ रूपया वापस चला गया और पता चला वापस तभी होगी जब राज्य सरकार के द्वारा शेष राशि दिया जाएगा।
डॉक्टर रंजन ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात कर इस पैसा को पुनः वापस लाया। इसको लेकर जदयू के वरिष्ठ मंत्री के विरोध के बावजूद मुख्यमंत्री ने 105 करोड़ रूपया देने का आश्वासन दिया। जिसे कैबिनेट में भी रखा गया।उन्होंने बताया कि मैंने पुल निर्माण निगम के अधिकारियों से मिलकर सारी प्रक्रिया पूरी कर जमीन अधिग्रहण एवं जमीन चिन्हित शुरू करने का कार्य शुरू किया गया लेकिन राजनीतिक लाभ के लिए कुछ तथाकथित नेता आलोक रंजन को श्रेय ना मिले। इसके लिए जुगत भिड़ाना शुरू कर दिया।
उन्होंने कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए यह मुद्दा बार-बार चुनाव से पहले ही उठाया जाता है। जबकि रेलवे ओवरब्रिज निर्माण के लिए सभी व्यवसायी भी राजी थे। वहीं कुछ व्यवसायों का अधिक नुकसान नहीं हो इसकी व्यवस्था में लग रहे। लेकिन तथा कथित नेता व्यवसायी से मिलकर साजिश के तहत उन्हें उकसाकर न्यायालय में मुकदमा दर्ज कर मामला को घर में लटकाया। उन्होंने कहा कि इस ओवर ब्रिज के रुकने का मुख्य कारण नगर चुनाव नगर निगम चुनाव भी रहा है। इस चुनाव के दौरान सांसद ने स्पष्ट रूप से व्यवसाईयों को ओवर ब्रिज का नक्शा चेंज कराने की बात कही।
हिन्दुस्थान समाचार/अजय/चंदा