रक्सौल में श्रम विभाग की धावा टीम ने एक बाल श्रमिक को कराया मुक्त
पूर्वी चंपारण,10 जून(हि.स.)। श्रम संसाधन विभाग के निर्देश के आलोक में रक्सौल श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, कीर्तिवर्धन सिंह के नेतृत्व में रक्सौल प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत विशेष धावा दल के द्वारा विभिन्न प्रतिष्ठानों में सघन जाँच अभियान चलाया गया।जाँच के क्रम में रक्सौल प्रखंड के कुल-01 प्रतिष्ठान आनंद लस्सी और जूस हाउस रक्सौल से 01 बाल श्रमिक को धावा दल की टीम के द्वारा विमुक्त कराया गया।
इसकी जानकारी देते श्रम अधीक्षक सत्य प्रकाश ने बताया कि विशेष धावा टीम द्धारा यह अभियान पूर्वी चंपारण जिला में लगातार क्रियाशील है। वही बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 के तहत नियोजक के विरूद्ध संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है जबकि विमुक्त बाल श्रमिकों को बाल कल्याण समिति, पूर्वी चंपारण, मोतिहारी के समक्ष उपस्थापित कर उन्हें बाल गृह में रखा गया है।
श्रम अधीक्षक सत्य प्रकाश द्वारा बताया कि बच्चों से प्रतिष्ठान में कार्य कराना बाल एवं किशोर श्रम प्रतिषेध एवं विनियमन के अंतर्गत गैर कानूनी है। बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 के अतर्गत बाल श्रमिकों से कार्य कराने वाले व्यक्तियों को 20 हजार रूपये से 50 हजार रूपये तक का जुर्माना और 2 वर्षों तक का कारावास का प्रावधान है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निदेश के आलोक में सभी नियोजकों से 20,000/- (बीस हजार रू.) प्रति बाल श्रमिक की दर से राशि की वसूली की जाएगी।
हिन्दुस्थान समाचार/आनंद प्रकाश/चंदा
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