पाकिस्तानी हैंडलरों से मोटी रकम मांगने वाले एजेंट शाहनवाज का सोशल मीडिया पर एसपी डीएसपी के साथ कई फोटो

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पाकिस्तानी हैंडलरों से मोटी रकम मांगने वाले एजेंट शाहनवाज का सोशल मीडिया पर एसपी डीएसपी के साथ कई फोटो


पाकिस्तानी हैंडलरों से मोटी रकम मांगने वाले एजेंट शाहनवाज का सोशल मीडिया पर एसपी डीएसपी के साथ कई फोटो


अररिया, 09दिसंबर(हि.स.)। पाकिस्तानी हैंडलरों से मोटी रकम मंगाने वाले पूर्णिया पुलिस की गिरफ्त में आए फारबिसगंज के रामपुर उत्तर का रहने वाला शाहनवाज आलम पिता -इनामुल हक का सोशल मीडिया पर एसपी डीएसपी के साथ कई वरीय अधिकारियों के साथ फोटो है,जिसको लेकर सवाल उठने लगा है।पूर्णिया पुलिस की गिरफ्त में आए शाहनवाज आलम का पाकिस्तान से कनेक्शन माना जा रहा है।वह पूर्व में 2015 में मानव तस्करी सहित कई छोटे मोटे चोरी और मारपीट के मामले में जेल की सलाखों के पीछे जा चुका है।इतना ही नहीं पूर्व में फारबिसगंज के जागरण कल्याण भारती नामक एनजीओ में काम भी कर चुका है।

मूल रूप से मधेपुरा के बनमनखी का रहने वाला शाहनवाज आलम फारबिसगंज रामपुर उत्तर में स्थित रेड लाइट एरिया में अपना बसेरा बनाए हुए था और फारबिसगंज में देह व्यापार के धंधे के संचालन में भी उनका अपरोक्ष रूप से अहम योगदान होने की बात कही जा रही है।शाहनवाज आलम की गिरफ्तारी के बाद फारबिसगंज थाना पुलिस ने रेड लाइट एरिया में जाकर उनके बारे में जानकारी एकत्रित करने के साथ मामले को लेकर कईयों एस पूछताछ की।

उल्लेखनीय है कि पूर्णिया जिला पुलिस ने अंतर्राष्ट्रीय आतंकी कनेक्शन के रूप में अररिया के कुर्साकांटा क्षेत्र के गरिया लोखंड पंचायत के मो. रहमान, कुर्साकांटा के ही खेसरेल पंचायत महादेव प्रसाद साह और फारबिसगंज के रामपुर के मो. शहनवाज आलम पुत्र इनामुल हक को गिरफ्तार किया था।पुलिस ने इनके पास से छह मोबाइल फोन,पांच अतिरिक्त मोबाइल सिम कार्ड,आठ डेबिट कार्ड,96 हजार रूपये नगद एवं छह बैंक खातों के पासबुक को जब्त किया था।

पाकिस्तान से नेपाल के रास्ते आतंकी संगठनों को फंडिंग किए जाने की बात सामने आ रही है।कहा जाता है कि ये तीनों गिरफ्तार एजेंट पाकिस्तानी हैंडलरों के संपर्क में थे। हैंडलर ने पहले इन्हें नेपाल में बैंक खाते खुलवाने का लालच दिया।जिसके बाद इनलोगो के द्वारा नेपाल के अलग अलग बैंकों खाता खुलवाकर भारत के अलग अलग हिस्सों में हैंडलर के बताए स्थान पर ये एजेंट पहुंचाने का काम करते थे और बदले में इन्हे राशि की दो प्रतिशत कमीशन मिलती थी।वहीं नेपाली करेंसी को भारतीय करेंसी में बदलने के एवज में इंकार को पांच फीसदी की कमीशन मिला करता था।पुलिसिया जांच में एक माह के दौरान इन एजेंटों के द्वारा एक माह में 50 लाख से अधिक की रकम भारत विरोधी कार्यों में लगे भारत में मौजूद एजेंट को पहुंचाने की बात सामने आ रही है।हालांकि पुलिस की तफ्तीश लगातार जारी है।

हिन्दुस्थान समाचार/राहुल/चंदा

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