सरकारी बंदोबस्त भूमि का अवैध अंतरण मामले पर 8 बंदोबस्तधारी का सुनवाई के बाद जमाबंदी रद्द: अपर समाहर्त्ता
किशनगंज अंचल अंतर्गत 05 जमाबंदी रैयत का सुनवाई हेतु उपस्थित होकर जवाब का गया था नोटिस, तत्पश्चात हुई कार्रवाई
किशनगंज,11जनवरी(हि.स.)। सरकारी भूमि बंदोबस्त होने के उपरांत बंदोबस्तधारी के द्वारा येन-केन प्रकरेण भूमि को दूसरे व्यक्ति के नाम अंतरण किए जाने के मामलों को जिला प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। किशनगंज अंचल अंर्तगत 06.61 एकड़ सरकारी भूमि बंदोबस्त पर अपर समाहर्त्ता अनुज कुमार ने संज्ञान लिया है।
उन्होंने बताया कि किशनगंज अंचल अंर्तगत 05 तथा दिघलबैंक में 03 जमाबंदी रैयत को चिन्हित कर नोटिस किया गया, जो सरकारी योजनाओं/प्रावधान का लाभ लेकर बंदोबस्ती के तहत जमीन हासिल किए है, परंतु अन्य किसी व्यक्ति को बिक्री/अंतरित कर दिए हैं। किशनगंज अंचल के बेलवा काशीपुर टूपामारी और अन्य मौजा तथा दिघलबैंक में दहीभात मौजा में ऐसे मामले संज्ञान में आए हैं।
अपर समाहर्त्ता अनुज कुमार ने बताया कि बंदोबस्तधारी को स्वयं उपस्थित होकर उनके न्यायालय में सुनवाई की तिथि निर्धारित की गई थी। तत्पश्चात अग्रेतर कार्रवाई हुई है, तथा 8 रैयत का जमाबंदी रद्द हुआ है।लगभग 34 ऐसे मामले थे, शेष में सुनवाई की जा रही है।
उन्होंने बताया कि यदि कोई भी भूमिहीन सरकारी जमीन का बंदोबस्त प्राप्त करता है तो उसे नियमानुसार बिक्री/स्थानांतरित नहीं कर सकता है। यद्यपि विशेष परिस्थिति में भी उसे संबंधित समाहर्त्ता के यहां सूचना देकर सरकारी प्रावधान के आलोक में अनुमति लेना आवश्यक होता है तथापि बंदोबस्त भूमि की बिक्री/अंतरण नहीं किया जा सकता है। उन्होंने स्पष्ट करते हुए बताया कि अवैध अंतरण पर जमाबंदी रद्दीकरण होगा।
हिन्दुस्थान समाचार/धर्मेन्द्र/चंदा
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