समाज का चरित्र मजबूत होगा तब ही देश मजबूत होगा :कर्नल ए.के राणा




-बच्चों के नंबर पर नहीं, उसके ज्ञान को बढ़ाना है उदेश्य:अरूण
मोतिहारी,15 मार्च(हि.स.)।जिंदगी में सफलता को पैसे से कभी मत आंकिए,सफलता का सही आंकलन यह है,कि जिंदगी में आपने कितने लोगों को लाभ पहुंचाया।ऐसे में आप अपने चरित्र पर ध्यान दिजिए, किसी भी क्षेत्र में आपका चरित्र ही आपको संबल प्रदान करेगा।आपका चरित्र मजबूत है तो इससे समाज का चरित्र मजबूत होगा और समाज का चरित्र मजबूत होगा तो देश भी मजबूत होगा। उक्त बातें कमांडिंग ऑफिसर सैनिक कल्याण बोर्ड पूर्वी-पश्चिमी चंपारण कर्नल ए के राणा ने बुधवार को रक्सौल शहर के बाइपास स्थित संत माइकल इंग्लिश स्कूल के 5 वें वार्षिकोत्सव कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहीं।
उद्घाटनकर्ता के तौर पर कार्यक्रम में उपस्थित कर्नल राणा ने कहा कि विद्यार्थी जीवन से लेकर संपूर्ण जीवन तक अनुशासित रहना जरूरी होता है, इससे समाज में आपकी एक अलग पहचान बनेगी। वार्षिकोत्सव कार्यक्रम की शुरूआत मुख्य अतिथि अनुमंडल पदाधिकारी आरती, एएसपी चंद्रप्रकाश, नगर सभापति धुरपति देवी, एसआरपी अस्पताल के निदेशक डॉ सुजीत कुमार, विद्यालय के चेयरमैन अरूण कुमार सिंह व अन्य समाजसेवियों ने दीप प्रज्जवलित कर किया।
मौके पर बच्चों को संबोधित करते हुए एसडीओ आरती ने उनके प्रदर्शन की सराहना करते हुए कहा कि मुझे खुशी है कि रक्सौल में शिक्षा क्षेत्र में इस विद्यालय का उल्लेखनीय योगदान है। उन्होने वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में प्रस्तुति देने वाले बच्चों के प्रतिभा की भी तारीफ की।
एएसपी चंद्रप्रकाश ने कहा कि बच्चों के अंदर छूपी प्रतिभा को पहचानकर उसको निखारने का काम होना चाहिए। जरूरी नहीं है कि हर बच्चा डॉक्टर, इंजीनियर बनें, कोई बच्चा एक सफल क्रिकेटर, गायक, राजनेता, संगीतकार, अभिनेता भी बन सकता है। इसके लिए जरूरी है कि हम बच्चों की जिस विषय में रूचि है, उसके साथ उसको आगे बढ़ने दे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विद्यालय के चेयरमैन अरुण कुमार सिंह ने कहा कि बच्चों के नंबर पर कभी ध्यान नहीं देना चाहिए। नंबर से अधिक जरूरी है कि बच्चा पाठ को कितना समझ रहा है।मेरी टीम के द्वारा लगातार बच्चों के सर्वागींण विकास को लेकर काम कर रही है और हर वर्ग में बच्चों को विशेष निगरानी में रखकर उनके शैक्षणिक सुधार को लेकर कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने अभिभावकों से अपील करते कहा कि आप सब भी बच्चों पर थोड़ा समय दें।बच्चों के सर्वागींण विकास में अभिभावकों की भी भूमिका होती है, विद्यालय के साथ-साथ अभिभावक अपना सहयोग दे तो बच्चा जरूर सफल होता है।वार्षिकोत्सव कार्यक्रम के दौरान विद्यालय के बच्चों के द्वारा कई तरह की सांस्कृतिक प्रस्तुति दी गयी। जिसे उपस्थित लोगों ने खुब सराहा।
हिन्दुस्थान समाचार
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