सदर अस्पताल में हुई स्कूली बच्चो की कैंसर की स्क्रीनिंग
किशनगंज,02अक्टूबर(हि.स.)। कैंसर एक ऐसी जटिल एवं गंभीर बीमारी है। जिसकी जद में आकर पूरे विश्व में हर वर्ष लाखों लोग काल के गर्भ में समा जाते हैं। ज्यादातर मरीजों में जांच के दौरान पाया जाता है कि उनका कैंसर अब आखरी चरण में पहुंच चुका और वैसी स्थिति में उपचार संभव नहीं होता है।
गुरुवार को सिविल सर्जन डा. कौशल किशोर ने बताया कि कैंसर का उपचार शुरुआती लक्षणों को पहचानने के उपरांत ही संभव है। लक्षण नजर आते ही कैंसर की जांच करवाने से कई जिंदगी बचायी जा सकती है। कैंसर सामान्यतः खतरनाक माना जाता लेकिन ससमय लक्षणों की पहचान कर इससे मुक्ति संभव है।
उन्होंने बताया कि कैंसर अब लाइलाज बीमारी नहीं है। बस इसका सही समय पर पता करना तथा शुरुआती लक्षण पर ध्यान देने की जरूरत है। ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं में इन दिनों स्तन कैंसर एवं पुरुषों में मुंह का कैंसर ज्यादा सामने आ रहा है।
उन्होंने बताया कि तंबाकू सेवन मुख के कैंसर का प्रमुख कारण है। इसी क्रम में जिले के सदर अस्पताल में गैर संचारी रोग पदाधिकारी डा. उर्मिला कुमारी की अध्यक्षता में जिले में कार्यरत होमी भाभा कैंसर अस्पताल के डा. सद्दाम अंसारी एवं डा. विजयलक्ष्मी के द्वारा स्कूली बच्चो में कैंसर की स्क्रीनिंग तथा जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें 30 बच्चों समेत कुल 34 लोगों की स्क्रीनिंग की गई है। डा. उर्मिला कुमारी ने बताया कि सिविल सर्जन डा. कौशल किशोर के दिशा-निर्देश के आलोक में जिले में नवंबर 2022 से लेकर अभी तक कुल 18,364 लोगों की स्क्रीनिंग की गयी है। जिसमें 7987 पुरुष एवं 10377 महिला शामिल हैं। वहीं इनमें कैंसर के लक्षण वाले 57 मरीज मिले हैं। जिन्हें फॉलोअप में रखा गया है। इसके अलावा 06 कैंसर का कंफर्म केस भी मिला है। 02 रोगी को विशेष इलाज हेतु रेफर किया गया है। वहीं अब तक कुल 04 लोगों की बायोप्सी भी की गयी है।
सिविल सर्जन डा. कौशल किशोर ने बताया कि ज्यादातर कैंसर के चार लक्षण पाए जाते हैं। इन्हें स्टेज 1 से लेकर स्टेज 4 तक की श्रेणी में रखा जाता है। स्टेज 1 की स्थिति में कैंसर का संक्रमण एक छोटे क्षेत्र में सीमित रहता और इसका फैलाव शरीर के अन्य हिस्सों में नहीं होता है। स्टेज 2 में कैंसर में वृद्धि देखी जाती लेकिन फैलाव नहीं होता है। स्टेज 3 की स्थिति में कैंसर और फ़ैल जाता और शरीर की अन्य कोशिकाओं को प्रभावित करता है। स्टेज 4 जिसे एडवांस्ड कैंसर की स्थिति भी कहते हैं, में कैंसर तेजी से शरीर के कई अंगों में फैलता और कोशिकाओं को नष्ट करता है।
उन्होंने बताया कि मुंह के अंदर या बाहर फोड़ा, जख्म का नहीं भरना। मुंह के अंदर या जीभ पर सफेद चकता, बलगम, पखाना, पेशाब या जननान्ग मार्ग से खून आना। स्तन में गांठ, स्तन से खून का रिसाव, रजोवृति के बाद रक्तस्राव, जननान्ग मार्ग रिसाव में दुर्गंध, चमड़े पर तिल या गांठ के आकार में इजाफा होना कैंसर के कारण के लक्षण होते है।
डा० विजयलक्ष्मी ने बताया कि व्यक्ति में कैंसर ख़राब एवं अनियंत्रित दिनचर्या, शराब एवं तंबाकू का सेवन, शरीर पर रेडिएशन का प्रभाव, अंग प्रत्यारोपण आदि से हो सकता है। व्यसनों से दूरी, नियंत्रित दिनचर्या एवं सजगता, कैंसर से बचने का सबसे सरल एवं सुगम तरीका है। डा० कौशल किशोर ने बताया कि कैंसर के प्रारंभिक लक्षणों की पहचान होने से मरीज का समय से इलाज संभव है। जिससे उसे ठीक किया जा सकता है। वहीं, ओरल व ब्रेस्ट कैंसर की प्रारंभिक पहचान मरीज स्वयं कर सकते हैं। इसके लिए लक्षणों की पहचान जरूरी है।
उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों जो तंबाकू का सेवन अधिक करते उन्हें कैंसर के खतरों व उसके पहचान से संबंधित जानकारी होनी चाहिए। स्वयं जांच करने के लिए मरीज को अपने मुंह को साफ पानी से धोते हुए कुल्ला करना होगा। उसके बाद आइने के सामने अच्छी रोशनी में सफेद या लाल छाले, न ठीक होने वाले पुराने जख्म या घाव के साथ पूरा मुंह न खोल पाने जैसी बातों की जांच करनी है। यह परीक्षण महीने में एक बार अनिवार्य है। इससे कैंसर के लक्षणों की पहचान होगी। अगर उनमें मुंह के कैंसर के प्रारंभिक लक्षण दिखे, तो तुरंत उन्हें चिकित्सक की सलाह लेना आवश्यक है।
हिन्दुस्थान समाचार/धर्मेन्द्र/चंदा
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