अररिया में भूमि परिमार्जन प्रक्रिया की धीमी गति पर राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने जताई चिंता
फारबिसगंज/अररिया , 21 सितम्बर (हि.स.)। राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रदेश महासचिव रमेश मेहता ने अररिया के जिला पदाधिकारी को एक पत्र लिखकर जिले में भूमि परिमार्जन प्रक्रिया की धीमी गति पर गहरी चिंता व्यक्त की है।
उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों से यह महत्वपूर्ण कार्य बाधित पड़ा हुआ है। मेहता ने अपने पत्र में कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि यह देरी कर्मचारियों की सुस्ती के कारण है या अंचल अधिकारियों (सीओ) की।
उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि जब परिमार्जन का काम ही लंबित है, तो भूमि का सर्वेक्षण और उसे ऑनलाइन करना कैसे संभव होगा। उन्होनें पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि कर्मचारी दावा करते हैं कि वे फाइलों को आगे बढ़ा देते हैं, लेकिन सीओ के डोंगल पर लॉगिन करने वाले ऑपरेटरों का व्यवहार अलग होता है। कई मामलों में, अगर रिश्वत नहीं दी जाती है तो फाइलें वर्षों तक लंबित रह जाती हैं।
राष्ट्रीय लोक मोर्चा के नेता ने जिला पदाधिकारी से आग्रह किया है कि वे सभी अंचल पदाधिकारियों और कर्मचारियों के पास लंबित फाइलों की जांच करें। उन्होंने कहा कि इस स्थिति से आम जनता परेशान है, जबकि बिचौलिए इसका फायदा उठा रहे हैं। यह मामला बिहार में भूमि प्रशासन की चुनौतियों को उजागर करता है। भूमि रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण और परिमार्जन की प्रक्रिया को तेज करने की आवश्यकता है ताकि आम लोगों को राहत मिल सके और भूमि संबंधी विवादों को कम किया जा सके।
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हिन्दुस्थान समाचार / Prince Kumar
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