लोककला, रंगकर्म और राष्ट्रीय एकता का जीवंत उत्सव

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लोककला, रंगकर्म और राष्ट्रीय एकता का जीवंत उत्सव


भागलपुर, 21 दिसंबर (हि.स.)। अपसंस्कृति के खिलाफ रंगकर्म, लोककला और राष्ट्रीय एकता को समर्पित रंगग्राम जन सांस्कृतिक मंच भागलपुर के तत्वावधान में कला केंद्र लाजपत पार्क में आयोजित तीन दिवसीय भागलपुर रंग महोत्सव 2025 रविवार को पूरे उत्साह के साथ जारी रहा।

यह महोत्सव 20 दिसंबर से 22 दिसंबर 2025 तक आयोजित किया जा रहा है। इस महोत्सव में बिहार सहित देश के नौ राज्यों—मणिपुर, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, असम और बिहार—के प्रतिष्ठित नाट्य एवं नृत्य दल अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों को भारतीय सांस्कृतिक विविधता से रूबरू करा रहे हैं।

महोत्सव के दूसरे दिन सुबह से ही कला केंद्र परिसर में लोक नृत्य, शास्त्रीय नृत्य, मंजूषा चित्रकला सहित विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों स्थानीय स्कूलों और संस्थाओं के कलाकारों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। वहीं, महोत्सव को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से शहर के आदमपुर चौक, माणिक सरकार चौक, घंटाघर चौक और कोतवाली चौक पर बाहर से आए कलाकारों द्वारा नुक्कड़ नाटकों का भी मंचन किया गया।

महोत्सव की विस्तृत जानकारी देते हुए मीडिया प्रभारी धीरज शर्मा एवं सुनील कुमार रंग ने संयुक्त रूप से बताया कि यह भागलपुर रंग महोत्सव की 12वीं प्रस्तुति है। उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों ने अपनी पारंपरिक वेशभूषा और कला-संस्कृति के माध्यम से सामाजिक संदेश देने का प्रयास किया है। इससे लोगों को देश की विविध सांस्कृतिक परंपराओं को समझने का अवसर मिलेगा और राष्ट्रीय एकता व सद्भाव को और मजबूती मिलेगी। वही कार्यक्रम निदेशक कपिल देव रंग ने पूरे कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी दी।

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हिन्दुस्थान समाचार / बिजय शंकर

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