विधिक साक्षरता से ही नैसर्गिक न्याय की परिकल्पना हो सकती साकार- शिल्पी सोनी

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विधिक साक्षरता से ही नैसर्गिक न्याय की परिकल्पना हो सकती साकार- शिल्पी सोनी


विधिक साक्षरता से ही नैसर्गिक न्याय की परिकल्पना हो सकती साकार- शिल्पी सोनी


नवादा,3 नवंबर (हि.स.)।नवादा विधि महाविद्यालय में सोमवार को आयोजित एक समारोह में, संस्थान की नींव रखने वाले दूरदर्शी शिल्पकारों और समर्पित आत्माओं को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथही विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया ।जिसका उद्घाटन जिला एवं सत्र न्यायाधीश शिल्पी सोनी राज ने की।

उन्होंने कॉलेज संस्थापक ऑन को क्षेत्र में विधि शिक्षा के एक स्तंभ के रूप में इसकी अमर विरासत सुनिश्चित करने की बात कही। यह आयोजन महाविद्यालय परिसर में हुआ, जहाँ संस्थापक सदस्यों, शिक्षकों और कर्मचारियों के त्याग और योगदान का दिल से सम्मान किया गया।जिनके अग्रणी प्रयास आज भी पीढ़ियों के छात्रों के लिए अवसरों का मार्ग प्रशस्त करते हैं।

समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश शिपी सोनी राज ने कहा कि विधि साक्षरता शिविर समाज के हर वर्ग के लोगों को कानूनी जानकारी देने का एक बड़ा माध्यम है जिसके सहारे उन्हें न्याय प्राप्त होगी जब कोई व्यक्ति को कानून की जानकारी होती है तो निश्चित तौर पर उसके लिए न्याय पाना आसान होता विधिक साक्षरता शिविर प्राकृतिक न्याय को सुलभ बनती है जिसके माध्यम से विधि की जानकारियां दी जाती है ।

उन्होंने विधि महाविद्यालय के प्रचार डॉक्टर डीएन मिश्रा के बेहतर कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि नवादा जैसे क्षेत्र में भी बेहतर विधि महाविद्यालय की स्थापना इस क्षेत्र के लोगों की जागरूकता के क्षेत्र में एक बड़ा कदम माना जा सकता है ।उनके साथ न्यायिक दंडाधिकारी श्री देव व्रत सिंह,प्रतीक सागर, सौम्या सिंह (प्रायोगिक न्यायाधीश), धीरेन्द्र कुमार पांडेय (सचिव, डीएएलएसए), डॉ. ब्रजेश राय (डीएसडब्ल्यू मगध विश्वविद्यालय, बोधगया), कला देवी सचिव (एनवीएम, नवादा), डॉ. अजय यादव (प्रधानाचार्य जेटीईसीई) और प्राचार्य मगध विश्वविद्यालय के डीन डॉ. डीएन मिश्रा मंच पर उपस्थित रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / संजय कुमार सुमन

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