पंचायती राज जनप्रतिनिधियों के वेतन भुगतान को लेकर सचेतक विरोधी दल ने सरकार को घेरा

पंचायती राज जनप्रतिनिधियों के वेतन भुगतान को लेकर सचेतक विरोधी दल ने सरकार को घेरा
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पंचायती राज जनप्रतिनिधियों के वेतन भुगतान को लेकर सचेतक विरोधी दल ने सरकार को घेरा


किशनगंज,11नवंबर(हि.स.)। विधान पार्षद सह सचेतक विरोधी दल डा. दिलीप कुमार जायसवाल ने विधान परिषद में ध्यान आकर्षण प्रस्ताव पेश कर सरकार से त्रिस्तरीय पंचायती राज जनप्रतिनिधियों के बकाया वेतन भत्ता भुगतान और उसमे बढ़ोतरी की मांग की है।

डाॅ. जायसवाल ने कहा कि राज्य में विगत दो वर्षों से पंचायती राज व्यवस्था के सभी कार्य लगभग ठप पड़े हुए हैं। आए दिन राज्य भर के वार्ड सदस्य, उप मुखिया, मुखिया, पंचायत समिति एवं जिला परिषद् के सदस्यगण जिला मुख्यालय एवं राजधानी पटना के सड़कों पर आंदोलन करने के लिए मजबूर हैं पिछले वित्तीय वर्ष 2022-23 का पंचायती राज के जनप्रतिनिधियों का अभी तक का मानदेय भत्ता की राशि जनप्रतिनिधियों के खाते में नहीं गई है और मंहगाई बढ़ने के बावजूद भी करीब-करीब दस वर्षों से पंचायती राज के प्रतिनिधियों का मानदेय भत्ता में सरकार द्वारा कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है।

उन्होंने पूछा कि ऐसा प्रतीत होता है कि पंचायती राज प्रतिनिधियों के प्रति सरकार उपेक्षापूर्ण नीति अपना रही है। यह लोकतांत्रिक व्यवस्था के सर्वथा प्रतिकूल है। डाॅ. जयसवाल ने आंदोलित जनप्रतिनिधियों की मांग के अनुरूप मानदेय भत्ता में वृद्धि किए जाने तथा बकाया राशि का शीघ्र भुगतान की व्यवस्था किए जाने की मांग की है।जिसके जवाब में विभागीय मंत्री द्वारा यह बताया गया की राज्य के कुल 2,46,868 जनप्रतिनिधियों में से 2,31,993 जनप्रतिनिधियों को दिसम्बर 2022 से मार्च 2023 तथा 2,19,013 जनप्रतिनिधियों के बैंक खाते में अप्रैल से जुलाई 2023 तक का नियत (मासिक) भत्ता का भुगतान किया जा चुका है। शेष को भुगतान किया जा रहा है। साथ ही विभागीय पत्रांक 7194 28.06.2023 द्वारा सभी जिलों को दिसम्बर 2022 से पूर्व का बकाया नियत (मासिक) भत्ता का भुगतान केन्द्रीकृत रूप से PFMS के माध्यम ही करने हेतु Payment generate किये जाने का निर्देश दिया गया है। अबतक कुल 13,186 जनप्रतिनिधियों के बैंक खातों में पूर्व बकाया नियत (मासिक) भत्ता का भुगतान किया गया।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में विभागीय संकल्प संख्या 2517 दिनांक 05.05.2015 के आलोक में त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं एवं ग्राम कचहरी के निर्वाचित प्रतिनिधियों को नियत (मासिक) भत्ता का भुगतान किया जाता है। नियत (मासिक) भत्ता बढ़ाये जाने से संबंधी कोई प्रस्ताव सरकार के समक्ष विचाराधीन नहीं है।

हिन्दुस्थान समाचार/धर्मेन्द्र/चंदा

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