बिहार में पीएम विश्वकर्मा योजना का 26 हजार से अधिक लोगों को मिलेगा लाभ
बेगूसराय, 06 नवम्बर (हि.स.)। पीएम विश्वकर्मा योजना में अपने प्रयास से बेगूसराय को शामिल करने का बयान गिरिराज सिंह द्वारा दिया जाना चर्चा का विषय बन गया है। लोगों का कहना है कि इस महत्वाकांक्षी योजना में बेगूसराय को गिरिराज सिंह द्वारा शामिल नहीं कराया गया है।
लोगों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित कर लगातार योजना का लाभ दिला रहे समाजिक कार्यकर्ता प्रो. संजय गौतम ने कहा है कि गिरिराज सिंह बड़बोलेपन के कारण अपने ही सरकार को बदनाम करने पर तुले हुए हैं। जिस पद पर हैं, उन्हें सही जानकारी के साथ सही तथ्यों को रखना चाहिए। झूठ बोलकर सस्ती लोकप्रियता से बचना चाहिए।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार बिना भेदभाव के साथ सभी राज्यों एवं जिलों में सभी समुदाय के लिए एक समान कार्य कर रही है। बिहार के सभी जिला विश्वकर्मा योजना में शामिल है। प्रथम चरण में राज्य के सभी जिलों के 534 प्रखंड इस योजना के तहत 26 हजार सात सौ शिल्पियों और कारीगरों का पंजीकरण किया जाएगा।
उद्योग विभाग बिहार के कार्यकारी उपेन्द्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान पटना द्वारा सभी जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक को पंजीकरण कराने का निर्देश विभागीय निदेशक विवेक रंजन मैत्रेय द्वारा दिया जा चुका है। बिहार राज्य में अधिक से अधिक शिल्पियों और कारीगरों का पंजीकरण कराया जाने के लिए निर्देश दिया गया है। बेगूसराय में करीब एक सौ पंजीकरण कराया जा चुका है।
संजय गौतम ने बताया कि पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत मूर्तिकार, बढ़ई, कुम्हार, नाव निर्माता, अस्त्र बनाने वाला, लोहार, हथौड़ा निर्मिता, टूल किट निर्माता, ताला बनाने वाले, सुनार, चर्मकार, जूता कारीगर, राजमिस्त्री, खिलौना निर्मिता, टोकरी-चटाई-झाड़ू निर्माता-जूट बुनकर, पारंपरिक गुड़िया, नाई, माला बनाने वाले, धोबी, दर्जी एवं मछली पकड़ने के लिए जाल बनाने वाले को इसका लाभ मिलेगा।
उन्होंने बताया कि बेगूसराय में नौ सौ, अररिया में 450, अरवल में 250, औरंगाबाद में 550, खगड़िया में 350, बांका में 550, समस्तीपुर में एक हजार, भभुआ में 550, भागलपुर में आठ सौ, भोजपुर में सात सौ, बक्सर में 550, दरभंगा में नौ सौ, पूर्वी चंपारण में 1350, गया में 12 सौ, गोपालगंज में सात सौ, जमुई में पांच सौ, जहानाबाद में 350, किशनगंज में 350, सीतामढी में 850 एवं कटिहार में आठ सौ लोगों को लाभ मिलेगा।
इसी प्रकार लखीसराय में 350, मधुबनी में 1050, मुंगेर में 450, मधेपुरा में 650, मुजफ्फरपुर में आठ सौ, नालंदा में एक हजार, नवादा में सात सौ, पटना में 1150, पूर्णिया में सात सौ, रोहतास में 950, सहरसा में पांच सौ, शिवहर में 250, शेखपुरा में तीन सौ, सारण में एक हजार, सुपौल में 550, सिवान में 950, वैशाली में आठ सौ एवं पश्चिमी चंपारण में नौ सौ लोगों को इसका लाभ मिलेगा।
हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र/चंदा
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