पीपल क्लाइमेट संस्था ने एयर क्वालिटी इंडेक्स मॉनिटरिंग स्टेशन की उठाई मांग

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पीपल क्लाइमेट संस्था ने एयर क्वालिटी इंडेक्स मॉनिटरिंग स्टेशन की उठाई मांग


गोपालगंज, 05 दिसंबर (हि.स.)।

जिले में बढ़ते वायु प्रदूषण ने चिंता की नई लकीरें खींच दी हैं। वाहनों का धुआं, कचरा जलाने की घटनाएं, पराली से उठता धुआं और छोटे-बड़े उद्योगों से निकलने वाले उत्सर्जन के कारण शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 256 दर्ज किया गया, जो खतरनाक श्रेणी में आता हैस्थिति ऐसी है कि शहरवासियों की आंखों में जलन, सांस लेने में परेशानी और एलर्जी की शिकायतों में तेजी से इजाफा हुआ है।

इसी क्रम में जिले में स्थायी एयर क्वालिटी इंडेक्स मॉनिटरिंग स्टेशन की स्थापना की मांग जोर पकड़ रही है। पीपल क्लाइमेटसंस्था के निदेशक सह अधिवक्ता सत्यम मिश्र व शिवम कुमार ने गोपालगंज डीएम पवन कुमार सिन्हा और जिला परिषद के सीईओ कुमार विवेक निशांत को पत्र भेजकर जिले में तत्काल एयर क्वालिटी इंडेक्स मॉनिटरिंग सेंटर स्थापित करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि गोपालगंज में पिछले एक दशक में जनसंख्या वृद्धि, वाहनों की संख्या में इजाफा, शहरीकरण, पराली जलाने और औद्योगिक गतिविधियों के कारण वायु प्रदूषण लगातार बढ़ा है, लेकिन जिले में आज तक कोई स्थायी प्रदूषण मापन केंद्र मौजूद नहीं है।

सत्यम मिश्र व शिवम कुमार ने कहा कि बिना वैज्ञानिक और वास्तविक समय के आंकड़ों के यह पता लगाना संभव नहीं है कि जिले के कौन-से इलाके ज्यादा प्रदूषित हैं, प्रदूषण के स्रोत क्या हैं और किस क्षेत्र में त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि वायु प्रदूषण अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, सीओपीडी, हृदय रोग और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों को बढ़ाता है।

इसका सबसे अधिक खतरा बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और खुले में काम करने वाले मजदूरों पर पड़ता है। अपने पत्र में उन्होंने आईसीएमआर और सीपीसीबी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि भारत में हर साल करीब 16 लाख लोगों की मौत वायु प्रदूषण के कारण होती है, जो एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट है।उन्होंने विशेष रूप से बंजारी–थावे राज्य मार्ग के पास नगर परिषद द्वारा गिराए गए कचरे में आग लगाने की लगातार बढ़ती घटनाओं का उल्लेख किया।

उन्होंने आरोप लगाया कि निर्धारित स्थान पर कचरा निस्तारण की व्यवस्था नहीं होने से लोग मजबूरी में कचरा जलाते हैं, जिससे शहर की हवा धुंधली परत में तब्दील हो रही है।उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन का अधिकार), 48 ए (पर्यावरण संरक्षण) और 51 ए (जी) (नागरिक का कर्तव्य) का उल्लेख करते हुए कहा कि स्वच्छ हवा में सांस लेना हर नागरिक का मौलिक अधिकार है। साथ ही 74 वें संविधान संशोधन का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण और जन स्वास्थ्य की जिम्मेदारी स्थानीय निकायों पर भी है। इसलिए एक्यूआई मॉनिटरिंग स्टेशन की स्थापना एक आवश्यक कदम है। उल्लेखनीय है कि निदेशक सत्यम मिश्र ने 17 नवंबर और 29 नवंबर को भी प्रशासन को स्मरण पत्र भेजकर शीघ्र कार्रवाई की अपील की थी।

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हिन्दुस्थान समाचार / Akhilanand Mishra

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