पिकअप ड्राइवर की बेटी बनी एसडीएम
-बीपीएससी में मारी बाजी
-रक्सौल के चिकनी गांव में जश्न
पूर्वी चंपारण,29अक्टूबर(हि.स.)। जिसमे हो इच्छा प्रबल वो पार जाकर ही रहेगा।सचमुच इस वाक्य को रक्सौल के एक पिता और उसकी बेटी ने सही साबित किया है।वो पिता जो पिकअप चलाकर सीमित संसाधनो के बीच अपनी बेटी को पढाकर एसडीएम पद तक पहुंचाया।
जिले के रक्सौल प्रखंड के जोकियारी पंचायत की चिकनी गांव निवासी रमाकांत दास की बिटिया ज्योति रानी ने 67वी बीपीएससी में 256वां रैंक लाकर एसडीएम पद के लिए क्वालीफाई किया है।ज्योति के पिता खुद पिकअप चलाने का काम करते हैं। जिनके आंखो में खुशी का आंसू था,आखिर रमाकांत की पुत्री ज्योति रानी एसडीएम जो बन गई है।
रमाकांत ने बताया कि जैसे ही रिजल्ट आया वे लोग भी बधाइयां दे रहे है,जो कल तक मेरे हैसियत देख कन्नी काट लिया करते थे।रमाकांत ने बताया हमने ज्योति के पढाई में कोई कसर नही छोड़ा। हर परिस्थिति का सामना कर उसे पढाया।उसकी प्राथमिक शिक्षा रक्सौल के नोट्रेड्रम स्कूल से हुई।उच्च शिक्षा रक्सौल के ही केएचडब्ल्यू स्कूल से हुई, जहां ज्योति रानी ने दसवीं 9.6 सीजीपीए से पास की। उसके बाद उसके लगन को देख उसे पढाई के लिए पटना के एक इंस्टीट्यूट में दाखिला कराया जहां से 87% मार्क्स के साथ ज्योति ने 12वीं पास की। उसके बाद आर्य इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी जयपुर से बीटेक 80. 3% मार्क्स के साथ पास की।
ज्योति को पहली बार सफलता नही मिली तो वह निराश हुई,लेकिन हमने उसे हौसला दिया,तो वह दुसरी प्रयास में सफलता हासिल कर पूरे क्षेत्र के बेटियो के लिए मिसाल बन गई।वही ज्योति रानी ने बताया की मां बाप का त्याग और संस्कार ने मुझे इस काबिल बनाया।हमने पिता से प्रेरणा लेकर खुद से मेहनत किया और गुरुजनो से बेहतर शिक्षा पायी और आज परिणाम सामने है।उल्लेखनीय है,कि ज्योति के इस सफलता के बाद उसके घर समाज के सभी सम्मानित लोगो का बधाई देने वालो का तांता लगा हुआ है।
हिन्दुस्थान समाचार/आनंद प्रकाश/चंदा
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