पीसीडीए पेंशन प्रयागराज का सहरसा में करेगा आउटरीच कैंप का आयोजन

पीसीडीए पेंशन प्रयागराज का सहरसा में करेगा आउटरीच कैंप का आयोजन
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पीसीडीए पेंशन प्रयागराज का सहरसा में करेगा आउटरीच कैंप का आयोजन


सहरसा,16 मार्च (हि.स.)। प्रिंसिपल कंट्रोलर ऑफ़ डिफेंस एकाउंट्स पेंशन प्रयागराज का दो दिवसीय आउटरीच कैंप कोसी कमिश्नरी मुख्यालय सहरसा में तय हुआ है।आजादी के बाद यह पहला ऐसा कैंप कोसी सीमांचल या पूरे उत्तर बिहार में कहीं होगा यह कैंप दिनांक 21 मार्च बृहस्पतिवार एवं 22 मार्च शुक्रवार को राधा देवी विवाह भवन रक्त काली मंदिर मत्स्यगंधा में होना है।इस कैंप में प्रधान नियंत्रक रक्षा लेखा प्रयागराज स्वयं अपने दोआईडीएएस अधिकारी 12 सदस्यों टीम के साथ मौजूद रहेंगे।

पूर्व सैनिक संघ के जिलाध्यक्ष ने बताया कि पीसीडीए प्रयागराज उक्त तिथि को कोसी की धरती सहरसा से ही अपने कार्यों का संचालन करेंगे। साथ ही कोसी- सीमांचल सहित पूरे बिहार के सभी पूर्व सैनिकों वीर नारियों का पेंशन, स्पर्श,डिसेबिलिटी पेंशन,ऑनलाइन जीवन प्रमाण पत्र, पेंशन बढ़ोतरी सहित हर समस्या का तत्काल समाधान करेंगे।साथ ही पूर्व सैनिक परिवारों को संबोधित/संवाद कर हर मिलने वाली सुविधाओं के बारे में भी जानकारी देंगे।

श्री झा ने बताया कि पीसीडीए पेंशन प्रयागराज देश की इकलौती संस्था है।जो डिफेंस पेंशनर्स के हितों का ख्याल रखती है तथा सेवानिवृत्ति पश्चात वेतन,पारिवारिक पैंशन,भत्ता,डीए,बच्चों के लिए शिक्षा भत्ता,मेडिकल भत्ता,युद्ध विकलांग भत्ता, सहायता आदि का भुगतान तथा लेखा-जोखा रखती है। यह संस्था सेना के तीनों अंगों के रिकॉर्ड से जुड़े होते हैं। किसी भी तरह की समस्या पेंशनरों को आने पर सहायता भी करती है।

ज्ञात हो कि रक्षा लेखा नियंत्रक पहले डिफेंस पेंशनरों को पेंशन बैंक (सीपीपीसी) के माध्यम से देती थी। पेंशनरों को अपने पेंशन के लिए बैंक पर ही निर्भर रहना पड़ता था और वहीं अपना जीवन प्रमाण पत्र देना होता था। मगर केंद्र सरकार द्वारा व्यवस्था परिवर्तन करते हुए बैंक की जिम्मेदारी खत्म कर रक्षा मंत्रालय ने रक्षा लेखा नियंत्रक को अपने हाथ में लेने को मंजूरी दी तथा पिछले तीन वर्षों से यह प्रक्रिया चल रहा है। इस प्रक्रिया के तहत एक अभियान जिसका नाम स्पर्श रखा गया है। इसे पूरी तरह डिजिटलाइज कर दिया गया है। इस ऐप में पेंशनरों के सर्विस रिकॉर्ड होते हैं तथा इसी पर अपना डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र भी देना होता है। ऐसा बैंकों द्वारा पेंशन भुगतान में मनमाना रवैया एवं शिकायतों की भरमार होने पर निर्णय लिया गया है। अब चुकी अधिकांश पेंशनर वीर नारियां डिजिटल कंप्यूटर ज्ञान से वंचित है अतः शुरुआत में काफी परेशानियां आ रही है।स्पर्ष एप में आए हुए सुझाव से संशोधन किया जा रहा है जिसका जिम्मा देश की प्रसिद्ध आईटी कंपनी टीसीएस के पास है।यह आउटरीच कैंप पैंशनरों को आए बदलाव एवं ऑनलाइन जानकारी में प्रशिक्षण के अलावा पेंशनरों के किसी भी तरह की समस्या के समाधान का संगठन है।

हिन्दुस्थान समाचार/अजय/चंदा

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