पद्मश्री पंडित रामकुमार मल्लिक का हृदय गति रुक जाने से निधन
दरभंगा, 09 जून (हि.स.)। दरभंगा राज घराने के प्रतिष्ठित संगीत परिवार में जन्मे पद्मश्री पंडित रामकुमार मल्लिक (73) का शनिवार की देर रात पैतृक ग्राम आमता में हृदय गति रुक जाने से निधन हो गया। वे पंडित विदुर मल्लिक के पुत्र व शिष्य थे। पंडित जी देश-विदेश के प्रतिष्ठित मंचों पर अपनी गायकी का लोहा मनवाया था।
वर्ष 2024 में इनको पद्मश्री अलंकरण से नवाजा गया। उनकी दो पुत्री रुबी, रिंकी, चार पुत्र संतोष, समित, साहित्य एवं संगीत मल्लिक है। पंडितजी ने अपने सभी पुत्रों और शिष्य को ध्रुपद गायकी के लिए तैयार किया। वे करीब पांच सौ वर्ष से निरंतर चली आ रही ध्रुपद परंपरा की 12 वीं पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते थे। ध्रुपद ने इनका प्रशिक्षण बचपन से ही अपने गुरु और पिता ध्रुपद सम्राट पं विदुर मल्लिक के मार्गदर्शन में शुरू हुआ।
इनके दादा पंडित सुखदेव मल्लिक से भी संगीत सीखने का अवसर मिला। इनकी गायकी में गौहार वाणी, खंडार वाणी कस सुमधुर प्रयोग स्पष्ट से रूप से दिखाई देता था। इनके जाने से दरभंगा घराना ही नहीं बल्कि संगीत जगत को अपूरणीय क्षति हुई है।इनका जन्म 1957 में दरभंगा जिले में बहेड़ी प्रखंड के अमता गांव में हुआ था।
हिन्दुस्थान समाचार/ साधना/गोविन्द
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