बरौनी रिफाइनरी में किया गया ऑनसाइट आपदा मॉक ड्रिल
बेगूसराय, 02 जनवरी (हि.स.)। पीएनजीआरबी और अन्य वैधानिक निकायों के दिशा-निर्देशों के अनुसार बरौनी रिफाइनरी में नियमित रूप से आपदा अभ्यास आयोजित किया जा रहा है। जिससे आपदा प्रबंधन प्रणाली में कमियों का पता लगाने के साथ ही रिफाइनरी की आपदा प्रबंधन क्षमता में और सुधार हो सके।
एनएचडीटी (एमएसक्यू यूनिट) के शेल साइड इनलेट लाइन में फ्लैंज लीक के परिदृश्य पर पहला रिएक्टर फीड-एफ्लुएंट एक्सचेंजर्स 801-ई-01-फ्लैश फायर होने पर किया गया था। आग की सूचना मिलने पर फायर टेंडर एमएसक्यू के पास घटनास्थल पर पहुंचे। स्थिति की गंभीरता के आकलन के बाद ईआरडीएमपी (आपातकालीन प्रतिक्रिया और आपदा प्रबंधन योजना) लागू की गई।
ड्रिल शुरू होने के दस मिनट बाद लेवल-वन (बड़ी आग) का सायरन बजाया गया। जब पहली बार में स्थिति को नियंत्रित नहीं किया जा सका तो स्थिति में और वृद्धि होने पर कार्यपालक निदेशक एवं रिफाइनरी प्रमुख के परामर्श के बाद सीआईसी (मुख्य घटना नियंत्रक) द्वारा ऑनसाइट आपदा घोषित की गई।
लेवल-टू (ऑनसाइट) आपदा सायरन उसके सात मिनट बाद बजाया गया और आपातकालीन आपदा प्रबंधन टीम कार्रवाई में आई। ईआरडीएमपी के अनुसार तुरंत बिना किसी जान-माल के नुकसान के स्थिति पर नियंत्रण पा लिया गया। बरौनी रिफाइनरी की आपदा प्रबंधन टीम का नेतृत्व समग्र आपदा समन्वयक और कार्यपालक निदेशक एवं रिफाइनरी प्रमुख सत्य प्रकाश ने किया।
इसमें मुख्य घटना नियंत्रक और मुख्य महाप्रबंधक(परियोजना) जी.आर. के. मूर्ति, मानव संसाधन कल्याण और मीडिया समन्वयक एवं मुख्य महाप्रबंधक(मानव संसाधन) डॉ. प्रशांत राऊत, सीआईसी के सलाहकार (रिफाइनरी संचालन से संबंधित मुद्दे) ए.के. रॉय, अन्य आपदा समन्वयक, सीआईएसएफ टीम, अग्नि एवं सुरक्षा दल आदि शामिल थे।
वरिष्ठ कॉर्पोरेट संचार प्रबंधक रवि भूषण कुमार ने बताया कि प्रथम सायरन के 47 मिनट बाद आपदा परिदृश्य को नियंत्रित किया गया तथा स्थिति का आकलन करने के बाद सीधे ऑल क्लियर सायरन बजाया गया। ड्रिल में बिहार राज्य कार्यालय एवं एचयूआरएल खाद कारखाना के पारस्परिक सहायता भागीदारों के अग्निशमन वाहनों ने भाग लिया।
हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र/चंदा
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