हिन्दू नववर्ष पर आरएसएस ने मनाया वर्ष प्रतिपदा उत्सव

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हिन्दू नववर्ष पर आरएसएस ने मनाया वर्ष प्रतिपदा उत्सव


हिन्दू नववर्ष पर आरएसएस ने मनाया वर्ष प्रतिपदा उत्सव


सहरसा,09 अप्रैल (हि.स.)।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा मंगलवार को हिंदू नव वर्ष के शुभारंभ पर शंकर चौक स्थित विवाह भवन में वर्ष प्रतिपदा उत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में जिला कार्यवाह द्वारा बौद्धिक रूप में मार्गदर्शन दिया गया। इस मौके पर जिला संघचालक सतीश चंद्र वर्मा एवं नगर संचालक इंजीनियर रामेश्वर ठाकुर भी मौजूद रहे।

मुख्य शिक्षक श्रवण कुमार के संचालन मे चले इस कार्यक्रम में सर्वप्रथम आद्य सरसंघचालक डॉ केशव बलिराम हेडगेवार को प्रणाम निवेदित किया गया।तत्पश्चात अमृत वचन सुभाषित सामूहिक गीत का आयोजन किया गया। तत्पश्चात सुभाष चंद्र झा द्वारा व्यक्तिगत एकल गीत का गायन किया गया। इस अवसर पर बौद्धिक देते हुए जिला कार्यवाह विद्यावरण सिंह ने कहा कि सनातन धर्म विश्व की पुरातन संस्कृति है। इस संस्कृति पर सदियों अनेक प्रकार के आक्रमण हुए, जिसमें शक, हुण ,यवन, डच, फ्रेंच, मुगल एवं अंग्रेजों ने सनातन धर्म को मिटाने के लिए अनेक प्रकार के अत्याचार किया, जिसके कारण सनातन धर्म कमजोर होता चला गया।

इस बात से चिंतित होकर देश को बचाने के लिए डॉक्टर हेडगवार को इस धरती पर भेजा, जिन्होंने वर्षों तक कांग्रेस में रहकर देश को गुलामी से आजाद करने के लिए संघर्ष करते हुए जेल यात्रा भी की। डॉक्टर हेडगेवार ने सोचा कि आखिर हम गुलाम क्यों हुए।इस पर गहन चिंतन कर उन्होंने पाया यह देश हिंदुओं का है। वही हिंदू संगठित नहीं है, जिसके कारण आए दिन आक्रांताओं द्वारा इस पर अनेकानेक प्रहार किया जाता रहा है। इस बात को लेकर उन्होंने गहन चिंतन करने पर पाया कि हिंदू संगठित नहीं है।इसलिए उन्होंने 1925 में विजयादशमी के दिन संघ की स्थापना कर समाज को नई दिशा प्रदान की।

उन्होंने कहा कि अनेक संगठन छद्म रूप से हमारी संस्कृति पर कुठाराघात कर रहे हैं। वही जेएनयू एवं टुकड़े टुकड़े गैंग द्वारा देश को विभाजित किए जाने का षडयंत्र किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमें अपने धर्म के प्रति कट्टरता नहीं अपना कर प्रतिबद्धता को अवश्य दोहराएं। उन्होंने कहा कि हम अपने बच्चों को ईसाई मिशनरी के स्कूल में भेज देते हैं। वही स्कूल मिशनरी बच्चों की मन में सनातन धर्म के प्रति घृणा एवं हीनता के रूप में उसके मन में मीठा हजारों वर्ष से जुटने की आवश्यकता है।

इस मौके पर नवीन मिश्रा, प्रोफेसर के एस ओझा,सुरेंद्र भगत, रंजीत दास, आशीष टिंकू, रणधीर भगत, सुभाष अग्रवाल, रमाशंकर साह, रतन कुमार सिंहा, ज्ञान प्रकाश दत्त, सुमित कुमार,संजय कुमार, अमरेन्द्र तिवारी सहित बड़ी संख्या में संक्षेपक मौजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/अजय/चंदा

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