निहाल सिंह ने हाथ के बल बिच्छू बम के रूप में चलकर देवघर व बासुकीनाथ में किया जलार्पण
सहरसा,03 मार्च (हि.स.)। श्रद्धा आस्था एवं विश्वास के बल पर भौतिक युग में भी बाबा भोलेनाथ के भक्ति कठिन साधना कर अपनी मनोकामना पूर्ण करते हैं।भक्ति के मार्ग में बाधाएँ एवं अग्नि परीक्षाएं तो बहुत होती है, लेकिन भक्तों के दृढ़ विश्वास के कारण कठिन से कठिन साधना भी पूर्ण हो जाती है।कुछ ऐसा ही कर दिखाया है गंंगजला निवासी सुधीर सिंह के 27 वर्षीय पुत्र निहाल सिंह ने। जिन्होंने हाथ के बल पर चलते हुए बिच्छू बम के रूप में बाबा बैद्यनाथ एवं बासुकीनाथ शिवलिंग पर जलार्पण कर कठिन साधना पूर्ण की।
निहाल सिंह ने बताया कि उनके पिताजी के गंभीर रूप से बीमार पड़ने के कारण उन्होंने बाबा बैद्यनाथ से अपने पिता को पूर्ण रूपेण ठीक किए जाने की कामना की।जिसके फलस्वरूप उनकी सेहत ठीक हो गया।तब उन्होने 2019 में एक महीना 11 दिन, 2020 में एक महीना 20 दिन, 2021 में एक महीना 21 दिन में दंड प्रणाम करते हुए देवघर पहुंचे।वहीं उन्होंने बताया कि 2022 में एक साथ 5 बार दंड प्रणाम करते हुए 7 महीना में अपनी यात्रा पूर्ण की। उन्होंने बताया कि भगवान भोलेनाथ की कृपा जिस पर बरसती है। उस भक्त को बाबा अपने सानिध्य में कठिन से कठिन साधना हेतु प्रेरित करते हैं।
उन्होंने बताया कि दंड प्रणाम का संकल्प पूरा होने के बाद उन्हें बिच्छू बम के रूप में हाथ पर चलते हुए यह कठिन साधना 6 महीना में बाबा बैद्यनाथ शिवलिंग पर जलार्पण किया। तत्पश्चात दो महीना हाथ के बल चलकर बाबा बासुकिनाथ शिवलिंग पर जल अर्पण किया। उन्होंने कहा कि बाबा की महिमा जिस पर बनती है। वह भक्त निहाल हो जाता है। जैसे मुझे प्रेरणा मिली। उन्होंने बताया कि इसके बाद 48 घंटा लगातार अनवरत रूप से आंख बंद कर नयन बंद यात्रा कर सलामी जल बाबा को जल अर्पण किया।
उन्होंने बताया कि इस यात्रा के सहयोगी अशोक दास, नवल पोद्दार,विजय पोद्दार,कुणाल सिंह, निखिल सिंह एवं सुशील सिंह द्वारा भरपूर सहायता व सहयोग मिला। बिच्छू बम निहाल सिंह ने बताया कि यात्रा के दौरान मलेमास के कारण बीच रास्ते में ही उनके हाथ में मोच आ गया। जिसके कारण 28 दिन तक काफी कठिन परिस्थिति में बन गया। उन्हें लगा कि अब यात्रा काफी मुश्किल हो गया है। लेकिन महादेव की कृपा से सब कुछ ठीक-ठाक रहा। जिस कारण उनकी कृपा से मेरी कठिन साधना पूर्ण हो गई।वही उनके घर आगमन पर पारिवारिक सदस्यों ने उन्हें मंगल टीका लगाकर आरती उतार कर स्वागत किया।
हिन्दुस्थान समाचार/अजय/चंदा
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