एनएच 327 ई ठाकुरगंज बहादुरगंज रूट पर ओवरलोड वाहनों का परिचालन धड़ल्ले से जारी
किशनगंज,30जुलाई(हि.स.)। बंगाल से बिहार आनेवाली ओवरलोडेड वाहनों के परिचालन के लिए एनएच-327 सेफ जोन बन गया हैं। पूर्वोत्तर का प्रवेश द्वार कहे जाने वाला किशनगंज इन दिनों इंट्री माफियाओं के उत्पात से जूझते हुए नजर आ रहा है़।
ज्यादातर ओवरलोड वाहनों का परिचालन एनएच 327 ई पर देखा जा रहा है। बंगाल की सीमा से सटे गलगलिया के समीप बंगाल का चक्करमारी से इंट्री का खेल एंट्री माफियाओं द्वारा आरंभ हो जाता है। जिसके कारण राज्य सरकार को प्रतिमाह करोड़ों के राजस्व की क्षति हो रही है। गौर करे कि विभाग के लाख प्रयास के बावजूद जिले में ओवरलोडेड ट्रक एवं डंपर का परिचालन थमने का नाम नहीं ले रहा है। एनएच 327 ई ठाकुरगंज बहादुरगंज रूट पर ओवरलोड वाहनों का परिचालन धड़ल्ले से हो रहा है।
ओवरलोड डंपर का आसानी से बंगाल बिहार सीमावर्ती क्षेत्रों से होकर ठाकुरगंज बहादुरगंज रूट पर बैखोफ तरीके परिचालन हों रहा हैं। कार्रवाई के नाम पर कुछ वाहनों को जप्त किया गया है। ओवरलोड गाड़ियों को सीमा पार कराकर एंट्री माफिया मालामाल हो रहे हैं। सूत्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार ओवरलोड वाहनों को पास करवाने के नाम पर एंट्री को लेकर मोटी रकम वसूल की जाती है और बदले में डायमंड कोड दिया जाता है तब जाकर ओवरलोड वाहनों का परिचालन करवाया जाता है।
प्रतिदिन सैकड़ों ओवरलोड ईंट लदे ट्रक, बेडमिसाइल, बालू और गिट्टी बंगाल के साथ सिक्किम तक भेजे जा रहे हैं। बंगाल से आनेवाली बालू, गिट्टी, बेड मिसाइल लदे ट्रक और डंपर किशनगंज पहुंचते ही इंट्री माफियाओं के लिए सोना साबित हो जाता है। परिवहन नियमों की अनदेखी करते हुए नियमों को ताक पर रखकर ओवरलोड वाहनों का परिचालन करवाया जा रहा है जिसके वजह से सरकारी राजस्व को लाखों करोड़ों का क्षति पहुंच रहा हैं। स्थानीय लोगो ने बताया कि डंपर ट्रक के अलावे डबल ट्रॉली डाला वाला ट्रैक्टर का भी प्रयोग बालू ले जाने के लिए किया जा रहा है।
इस गोरखधंधे में कई गुट के लोग शामिल हुए हैं। हालांकि जिलाधिकारी तुषार सिंगला के दिशा-निर्देश पर विभाग और पुलिस द्वारा संयुक्त रूप से छापेमारी कर कार्रवाई की जा रही है। गौर करे कि एनएच 327 ई देश के व्यस्त राज मार्गों में शामिल है। इसी रास्ते से एक तरफ आसाम, तो दूसरी तरफ दिल्ली के लिए वाहनों का परिचालन होता है। इसमें सबसे अधिक संख्या ट्रक, डंपर व कंटेनरों की होती है। चावल, मवेशी, कोयला, लकड़ी, गिट्टी, लोहा, बेड मिसाइल, सीमेंट आदि का बड़े पैमाने पर इस मार्ग से परिवहन होता है, लेकिन अधिक लाभ के चक्कर में ये वाहन चालक परिवहन नियम की अवहेलना कर निर्धारित मात्रा से अधिक वजन लोड करते हैं। इसी वजह से मजबूरन जुर्माने से बचने के लिए वाहन चालकों को इंट्री माफियाओं के शरण में जाना पड़ता है।
हिन्दुस्थान समाचार / धर्मेन्द्र सिंह / गोविंद चौधरी
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