अयोध्या में श्री राम मन्दिर के उद्घाटन पर विराटनगर में होगा श्री रामचरित परिचर्चा का आयोजन

अयोध्या में श्री राम मन्दिर के उद्घाटन पर विराटनगर में होगा श्री रामचरित परिचर्चा का आयोजन
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अयोध्या में श्री राम मन्दिर के उद्घाटन पर विराटनगर में होगा श्री रामचरित परिचर्चा का आयोजन






अररिया,20जनवरी(हि.स.)। मैथिली एसोसिएशन नेपाल की ओर से विराटनगर के जतुवा स्थित प्राचीन श्री राम जानकी मन्दिर में 22 जनवरी को श्री रामचरित परिचर्चा गोष्ठी एवं संगठन विस्तार विमर्श कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।

एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं मैथिली भाषा अभियन्ता प्रवीण नारायण चौधरी ने बताया कि अयोध्या में 500 वर्ष बाद फिर से राम जन्मभूमि स्थल पर मन्दिर बनाया जाना और उसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भगवान राम के बालरूप मूर्ति विग्रह में प्राण-प्रतिष्ठा का आयोजन हम सबों के लिये अभूतपूर्व अवसर है। इस दिन को इतिहास के पन्ने में दर्ज करने के लिए सभी लोगों को अपने-अपने स्तर से अपने-अपने जगहों पर रहकर भी कुछ महत्वपूर्ण आयोजन करना चाहिए। मैथिलीभाषियों के लिये तो यह दिवस और भी खास है क्योंकि हमारी मैथिली (सीता) के सर्वसमर्थ स्वामी मर्यादा पुरुषोत्तम राम के जन्मभूमि पर बाहरी आक्रान्ताओं का दिया घाव सदा-सदा के लिये मिटा दिया गया है और एक बार फिर से हमारे राम वहीं विराजेंगे जहाँ सदियों से हमारे पूर्वजों ने उनको पूजते आये हैं। यह हमारे पीढ़ी में सम्भव हो पाया है।इस दिवस को न केवल भारत में बल्कि नेपाल में भी खास बनाया जायेगा।

चौधरी ने बताया कि नेपाल के ऐतिहासिक नगरी विराटनगर में उपरोक्त आयोजन किया जायेगा, जिसमें कई विद्वानों को आमंत्रित किया गया है।श्री रामजानकी मन्दिर का निर्माण सौ वर्ष से भी अधिक समय पहले हुआ था। जहां आज भी यादव समुदाय के लोगों की बहुल्यता में धार्मिक-आध्यात्मिक सभाएं, प्रत्येक सोमवार स्त्री समुदायों के द्वारा भजन-कीर्तन और प्रत्येक मंगलवार को पुरुष वर्गों के द्वारा भजन-कीर्तन का परम्परा भी कई दशकों से चलता आ रहा है। प्रत्येक वर्ष यहाँ राम-जानकी विवाह पंचमी, रामनवमी, शिवरात्रि आदि पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है।

इस मन्दिर में पर्यटकों को आकर्षित करनेवाली कई खासियत मौजूद हैं। साथ ही विगत के कुछ वर्षों में यहाँ पर यात्रियों का रात्रि विश्राम, समुदाय के लोगों की शादियाँ व अन्य बैठकें करने की भौतिक पूर्वाधार का भी विकास हुआ है। कोशिश है कि आनेवाले कुछ वर्षों में इस पुनीत मन्दिर और इसकी इतिहास को देश-विदेश के लोगों तक पहुँचाया जायेगा, जिसके लिये मैथिली एसोसिएशन नेपाल प्रतिबद्ध है।

हिन्दुस्थान समाचार/राहुल/चंदा

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