नवरात्रि के पांचवा दिन की गई मां स्कंदमाता की पूजा अर्चना
किशनगंज,07अक्टूबर(हि.स.)। शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 3 अक्टूबर 2024 से हुई थी। देखते-देखते मां दुर्गा की आस्था और भक्ति का यह नौ दिवसीय त्योहार और पांचवे दिन तक पहुंच चुका है।
सोमवार 7 अक्टूबर को नवरात्रि का पांचवा दिन है, जिसमें मां स्कंद माता की पूजा होती है। मां दुर्गा के साधक पंडित मनोज मिश्रा ने कहा कि देवी स्कंदमाता को सफेद रंग बहुत प्रिय है क्योंकि यह शांति और सुख का प्रतीक है। मातृत्व का यह रूप व्यक्ति को शांति और खुशी का अनुभव देता है। देवी मां की पूजा करने से वह अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। इसके अलावा पूजा-पाठ उसके लिए मोक्ष का द्वार भी खोलता है।
उन्होंने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार पंचमी तिथि का आरंभ 7 अक्तूबर, सोमवार को प्रातः 09:44 से होगा और इसका समापन 8 अक्तूबर, मंगलवार प्रातः 11:13 पर होगा। इस रूप में मां दुर्गा कमल के आसन पर विराजमान हैं, यही कारण है कि उन्हें पद्मासना देवी भी कहा जाता है। स्कंदमाता को केले का भोग लगाना चाहिए। इससे मां प्रसन्न होती हैं और भक्तों को सौभाग्य और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। पंडित मनोज मिश्रा ने बताया कि इस दिन योगी का मन विशुद्ध चक्र में स्थित होता है। इस चक्र में अवस्थित होने पर समस्त लौकिक बन्धनों से मुक्ति मिल जाती है और मां स्कंदमाता में अपना पूरा ध्यान केंद्रित कर सकता है वह निरंतर उपासना में ही डूबा रहता है। इनकी भक्ति से सारे दरवाजे खुल जाते हैं। इनके पूजन के साथ कार्तिकेय का भी पूजन हो जाता है, सौर मंडल की देवी होने के कारण वे सम्पूर्ण तेज से युक्त है। विशुद्ध मन उनकी आराधना अत्यंत लाभदायक है।
हिन्दुस्थान समाचार / धर्मेन्द्र सिंह
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