जीविका दीदी के साथ मुन्नी ने तय किया मजदूरी से लखपति दीदी का सफर

जीविका दीदी के साथ मुन्नी ने तय किया मजदूरी से लखपति दीदी का सफर
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जीविका दीदी के साथ मुन्नी ने तय किया मजदूरी से लखपति दीदी का सफर


सहरसा,23 फरवरी (हि.स.)। जिले के सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड के रायपुरा गांव की मुन्नी देवी ने जीविका से जुड़कर मजदूर से लेकर लखपति दीदी तक का सफर तय किया है।मुन्नी देवी पति,एक बेटी और एक बेटा के साथ गांव में रहती है।मुन्नी देवी के पति मुकेश कुमार सिंह एक अकुशल मजदूर है और आसपास मे काम न मिलने की वजह से वह दिल्ली व अन्य बड़े शहरों में मजदूरी का कार्य करते हैं।

मुन्नी देवी बताती है कि वह मैट्रिक पास है।शादी के बाद पति के साथ वह भी बड़े शहरों में मजदूरी का कार्य किया करती थी। रायपुरा मे उनका खुद का घर है। हाथ में काम नहीं रहने के कारण बच्चों के साथ इन बड़े शहरों मे काम के लिए घूमना पड़ता था।वही मन में एक बात हमेशा कचोटती थी कि अपना बोलने के लिए भी आसपास मे कोई नहीं है। इन्ही सब बातों को ध्यान में रख कर पति से विचार विमर्श किया कि आप यही रहिए मैं बच्चों को लेकर अब अपने गाव मे रहूंगी और वर्ष 2015 मे दोनों बच्चों के साथ अपने गांव में रहने आ गयी।

उन्होंने बताया कि गांव में पूर्ण रूप से बसने के बाद मन मे एक कसक चल रही थी कि घर चलाने हेतु पहले मै भी कुछ कमाती थी पर अभी कुछ नहीं कर पा रही हूं । उसी दौरान फरवरी 2016 मे जीविका की कुछ दीदियों के बारे मे सुना कि वो गांव मे स्वयं सहायता समूह बना रही है।दीदियों से सुन कर मैंने भी 13 दीदियों को मिला कर महिमा जीविका स्वयं सहायता समूह का निर्माण किया। जीविका से जुडने के उपरांत वो ऋण लेकर 02 बीघा जमीन लीज पर लेकर सब्जी की खेती करना शुरू की। सब्जी की खेती में उन्हें अच्छा मुनाफा हुआ। यह देख कर मुन्नी देवी के पति भी ऑफ सीजन मे घर पर रह कर खेती बारी करने लगे। इसी बीच वर्ष 2019 मे जीविका से पुनः कर्ज लेकर और कुछ अपना पूंजी लगा कर एक जर्सी गाय की खरीद कर ली। जो लगभग 10 से 12 लीटर दूध प्रतिदिन देती है। कोरोना काल मे पति भी घर पर ही रहे दोनों मिल कर खेती-बारी भी की और गाय की सेवा भी किए, जिससे अधिक आय हुआ और आत्म संतुष्टि भी मिली।

वर्ष 2023 की शुरुआत मे दीदी ने और एक भैंस की खरीद की। आज दीदी के पास लगभग 05 बीघा जमीन लीज पर है, जिसमे वो सब्जी की खेती करती है।साथ ही दोनों दुधारू पशु से भी प्रतिदिन 20 से 22 लिटर दूध प्राप्त होती है।उन्होंने बताया कि समूह में जुड़ने के कारण जागरूक हुई और अपने बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ने लगी है ।

मुन्नी देवी बताती है कि जीविका के कारण आज हमारा परिवार अपने समाज में अपने लोगों के बीच एक सम्मानजनक जीवन जी रही हूं । मेरे पति अभी भी ऑफ सीजन में बड़े शहरों मे काम करने जाते हैं। अब बाहर जाकर मजदूरी करना हमारी मजबूरी नहीं है । जीविका के कारण ही आज हमारे जीवन मे खुशहाली है ।

हिन्दुस्थान समाचार/अजय/चंदा

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