मनरेगा से महात्मा गाँधी का नाम हटाना दुर्भाग्पूर्ण - नदीम अंसारी
पटना, 20 दिसंबर (हि.स.)।
मनरेगा से राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी का नाम हटाना दुर्भाग्यपूर्ण है। उक्त बातें बिहार प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता नदीम अंसारी ने कही l
उन्होंने कहा कि बीजेपी और आरएसएस हमेशा से गाँधी जी के विचार धर्मवाओं के खिलाफ और गाँधी जी के हत्त्यारे नाथूराम के विचारों के समर्थन में रही है lमनरेगा का नाम बदल कर गाँधी जी को अपमानित कर रही है।
अंसारी ने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि साल 2020-21 में मनरेगा में 31.97 लाख परिवारों को काम मिला। साल 2025-26 में 12 दिसम्बर तक केवल 6.74 लाख परिवारों को ही काम मिल पाया है।
साल 2020-21 में मनरेगा मजदूरों को औसतन साल में 52 दिन ही काम मिला। साल 2025-26 में यह संख्या घटकर साल में 36 दिन रह गई है। साल 2020-21 में मनरेगा में 11.19 करोड़ मजदूरों को काम मिला। साल 2025-26 में 12 दिसम्बर तक यह संख्या घटकर 6.25 करोड़ रह गई है। यानी अब तक 5 करोड़ मजदूरों को कम काम मिला है।
मनरेगा का केवल नाम नहीं बलके उनसे मुलभुत संग्राचना को ही समाप्त कर ने की कोशिश है l जहाँ एक तरफ राज्य सरकारों पर 40% बोझ डाला गया हैं वहीं मजदूरों के भी हितों की अनदेखी कीजा रही है l
मनरेगा को एक लम्बे विचार विमर्श के बाद ग्रामीण मजदूरों को रोजगार की गारंटी देने लिए बनाया गया था l
जब के इस संसोधन के बाद रोजगार के कई अवसर आमाप्त हो जायेगा l
कांग्रेस पार्टी इस का विरोध हर स्तर पर करेगी और गरीब मजदूरों के हक़ और अधिकार की आवाज उठाती रहेगी l
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हिन्दुस्थान समाचार / सुरभित दत्त

