सांप्रदायिक सौहार्द्र का प्रतीक मलंग बाबा महोत्सव शुक्रवार को,तैयारी पूरी
अररिया,15 फरवरी(हि.स.)। हिन्दू-मुस्लिम श्रद्धालुओं के सांप्रदायिक सौहार्द्र का प्रतीक फारबिसगंज के मलंग बाबा महोत्सव की शुरुआत शुक्रवार से होगी,जिसकी तैयारी जोरो पर है। हिन्दू मुस्लिम दोनों समुदाय के बीच आस्था का प्रतीक मलंग बाबा महोत्सव में आपसी सौहार्द की मिठास घुलती है।तीन दिवसीय कार्यक्रम में शुक्रवार को निकलने वाली भव्य व आकर्षक शोभायात्रा को ले सारी तैयारियां पूरी हो चुकी है।
शहर को तोरण द्वार से पाट दिया गया है। महोत्सव में महानगर से आने वाले साधु संत भी दस्तक दे चुके हैं। बाबा दरबार को सजाने के लिए बाहर से आये कलाकार कई दिनों से दरबार को सजाने संवारने में लगे हुए हैं। मलंग बाबा मजार हिन्दू-मुस्लिम आस्था का संयुक्त प्रतीक बन गया है। मंदिर के भीतर एक मजार है जहां एक ओर हिन्दू-समुदाय के लोग पूजा-अर्चना करते हैं, वहीं दूसरी ओर मुस्लिम भाई भी इबादत करते हैं।
फारबिसगंज में कई सौ साल पुराना मजार मलंग बाबा का पीर था। जहां 15 वर्ष पूर्व धनावत परिवार को स्वप्न में मजार होने की जानकारी मिली।उसी समय से हर साल 16 फरवरी को यहां उत्सवी माहौल दिखता है। जहां इस मजार पर एक साथ गीता और कुरान रखी जाती है जो आपसी सोहार्द की मिठास घोलती है।वही उक्त महोत्सव में विशेष रूप से रात चादरपोशी वह कव्वाली का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है।
मलंग बाबा का दरबार सौ साल पुराना है। मंगलवार की रात को मजार पर होने वाली फूल की चादरपोशी और भंडारा के प्रसाद एवं मजार के जल से लोग निरोग होने की बात कहते हैं। आयोजन को सफल बनाने में मुख्य रूप से विनोद धनावत; मनोज धनावत रोहन धनावत, सरवन साह ,गुड्डू झा ,रंजन शाह सहित अन्य कार्यकर्त्ता तन मन से अहम भूमिका निभा रहे हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/राहुल/चंदा
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