महिला समाज का 10 वां जिला सम्मेलन बेतिया मे सम्पन्न
बेतिया, 28 जनवरी (हि.स)। बिहार महिला समाज का 10 वां जिला सम्मेलन काफी धूमधाम से बेतिया के बलिराम भवन के सभागार में सम्पन्न हुआ। प्रतिकूल मौसम और कड़ाके की ठंड़ के बावजूद नौतन, मझौलिया, मैनाटांड, बेतिया, बैरिया, चनपटिया, योगापट्टी , लौरिया, सिकटा, सरिसवा की महिलाओं ने बड़ी संख्या में सम्मेलन में हिस्सा ली, सम्मेलन का विधवत् उदघाटन बिहार महिला समाज की महासचिव राज श्री किरण ने किया।
सम्मेलन के उद्घाटन भाषण के दौरान राज श्री किरण ने बिहार महिला समाज के संघर्षों के गौरवशाली इतिहास को प्रतिनिधियों के बीच में रखा तथा घरेलू हिंसा, लैंगिक समानता, रोजी रोजगार के लिए महिलाओं को एक जुट होकर संघर्ष करने का आह्वान किया
सम्मेलन के मुख्य अतिथि प्रोफेसर सुशीला सहाय ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए बताया कि बिहार महिला समाज महिलाओं पर हो रहे जूल्म अत्याचार के खिलाफ हमेशा संघर्ष करता रहा है, आज भी महिलाओं को द्वयम् दर्जे का नागरिक होने का दंश झेलना पड़ता है, आज भी लडकी का जन्म लेना या जन्म देना समाजिक अपराध बना हुआ है, देश में बेटी पढाओ बेटी बचाओ का नारा खोखला बन गया है, केन्द्र के मोदी सरकार में महिला पहलवानों से व्यभिचार करने वाले सरकार के संरक्षण में पल बढ़ रहें हैं।आज रास्ते में मनचलों के कारण लडकियों को स्कूल जाना दूभर होता जा रहा है, महिला बलत्कार का कानून संसद में पास नहीं हो सका क्योंकि सरकार में बैठे लोग ही बलत्कार के दोषी और अभियुक्त है।हमने लगातार संघर्ष करके महिला थाना, महिला हेल्प लाईन, महिला आयोग का गठन कराया है, जिसको और सुदृढ़ एवं पारदर्शी बनाने के लिए संघर्ष करने की जरूरत है। महिलाओं की एकजुटता और संघर्ष का देन है कि बिहार सरकार को त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था में महिलाओं को आरक्षण देना पडा़, आज बिलकिसबानो के मामले में सुप्रीम कोर्ट का जो फैसला आया।
सम्मेलन को भाकपा जिला सचिव ओम प्रकाश क्रांति ने महिलाओं के आंदोलन एवं संघर्षों का हर संभव समर्थन करने का आश्वासन दिया। सम्मेलन में 15 सदस्यों की जिला कमिटी का गठन किया गया।
हिन्दुस्थान समाचार / अमानुल हक़
/चंदा
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