11 अक्टूबर शुक्रवार को महाष्टमी- महानवमी व्रत और 12 अक्टूबर यानि शनिवार को होगा विजयादशमी : पंडित तरुण झा
सहरसा, 09 अक्टूबर (हि.स.)।
ब्रज किशोर ज्योतिष संस्थान,डॉ रहमान चौक, सहरसा के संस्थापक, ज्योतिषाचार्य पंडित तरुण झा के अनुसार इस वर्ष नवरात्र में माता का आगमन पालकी डोली की सवारी के साथ हुआ था, जिसका फल अनेक प्रकार की परेशानी की संभावना एवं गमन चरणयुधयानेन देवयाः,मुर्गा पर होगा, जिसका फल भी अच्छा नहीं है।लेकिन माता रानी की पूजा अर्चना करने से सदा कल्याण ही होगा और माता रानी की कृपा बनी रहेगी।
दस अक्टूबर गुरुवार को नवपत्रिकाप्रवेश,महारात्रिनिशापूजा, रात्रि जागरण,मूले सरस्वती आवाहन, भगवतीदर्शन होगा।11अक्टूबर शुक्रवार को महाअष्टमी -महानवमी व्रत, दीक्षाग्रहण, महागौरी देवीदर्शन, त्रिशूलनी पूजा,कन्या पूजन एवं हवन इत्यादि होगा। 12 अक्टूबर शनिवार को विजयादशमी, नवरात्रपारण,देवी विसर्जन,जयंती धारण,अपराजिता पूजन,एवं नीलकंठ दर्शन इत्यादि होगा।जयंती काटने का शुभ मुहर्त 12 अक्टूबर, शनिवार प्रातः 08.05 बजे से 01.58 बजे तक़ है। लेकिन ज्योतिषाचार्य ने बतलाया की पूर्वाहन में आवाहन एवं विसर्जन शुभ माना जाता है।
हिन्दुस्थान समाचार / अजय कुमार
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