शिक्षा,समता और उद्यमिता के सहारे पूर्वजों के बिहार के गौरवशाली इतिहास को 2047 तक लौटाना लक्ष्य:विकास वैभव

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शिक्षा,समता और उद्यमिता के सहारे पूर्वजों के बिहार के गौरवशाली इतिहास को 2047 तक लौटाना लक्ष्य:विकास वैभव


शिक्षा,समता और उद्यमिता के सहारे पूर्वजों के बिहार के गौरवशाली इतिहास को 2047 तक लौटाना लक्ष्य:विकास वैभव


शिक्षा,समता और उद्यमिता के सहारे पूर्वजों के बिहार के गौरवशाली इतिहास को 2047 तक लौटाना लक्ष्य:विकास वैभव


अररिया 03दिसंबर(हि.स.)। अररिया के फारबिसगंज पाई वर्ल्ड स्कूल और सिकटी प्रखंड के पोठिया में संचालित फोरजीएस निःशुल्क कोचिंग संस्थान में लेट्स इंस्पायर बिहार मुहिम के तहत रविवार को आईपीएस आईजी विकास वैभव ने युवाओं के साथ सीधा संवाद स्थापित किया।उन्होंने बिहार के युवाओं से शिक्षा,समता और उद्यमिता के सहारे बिहार के गौरवशाली इतिहास को पुनर्जीवित करने के लिए न केवल अपनी सोच बदलने की बात कही।बल्कि दूसरों को भी प्रेरित करने का आह्वान किया।

अपने संबोधन में आईपीएस विकास वैभव ने कहा कि भारत देश 2047 तक विकसित देश बनेगा।अगर विकसित बिहार बनाना है तो परस्थिति बदलना होगा।केवल सरकारी नौकरी के भरोसे हमें रोजगार नही मिल सकती है।पुराणों मे उद्यमिता का वर्णन है,जो हमारे व्यवसायी होने का प्रमाण देती है।मिथिला की इसी पावन भूमि पर वेदों का विकास हुआ है।ये वेदांत का भी क्षेत्र रहा है।हम किसी भी धर्म को मानते है हम पूर्ण नही है।जब हम किसी गुण के समूह को छोटा भी करते हैं तो उसका गुण नही बदलता है।ईश्वर में असीम गुण है।और हर आत्मा में परमात्मा बसती है।स्वयं को कभी कमजोर नही समझना चाहिए।बिहार ऋषियों की भुमि है।वेदांत की दृष्टिकोण से हममें चारों गुण है।यहाँ नंद वंश का शासन हुआ।जो निम्न वर्ग से आते हैं।चाणक्य की धरती पर चंद्र गुप्त राजा बने जिसकी जाति नही पूछी जाती है।हम जाति के नाम पर हम मन के अंतर्द्वंद मे फँसे है।इससे उबरना होगा।रामधारी सिंह दिनकर की भूमि से फणीश्वरनाथ रेणु की धरती पर पहली बार आगमन पर स्वयं को अविभूत होने की बात कही।

उन्होंने कहा कि परिवर्तन की निरंतरता रत्नाकर को भी बाल्मीकि बना सकता है।चंपारण एवं रोहतास में पुलिस अधिकारी के रुप मे अपने कार्य एवं अनुभव को भी साझा करते हुए कहा कि परिवर्तन से रोजगार संभव है उसके लिए जाति संप्रदाय से अलग होकर जुटेंगे तो ऐसा हो सकता है।जीवन का लक्ष्य बिहार की अस्मिता को फिर से उँचा करना है।शिक्षा एवं नौकरी काल से ही बिहार को बदलने की सोच के साथ प्रयासरत रहा।हर बिहार वासी के मन मे ये बात है लेकिन उचित जगह एवं माध्यम नही होने के कारण मन मे ही रखे हुए हैं।बिहार तभी बदलेगा जब हमें स्वयं को बदलना होगा।दुसरों को प्रेरित करना होगा।

फारबिसगंज और पोठिया दोनों स्थानों पर उल्लेखनीय कार्य करने वाले संस्थान और संगठन को आईपीएस आईजी विकास वैभव के द्वारा सम्मानित किया गया।साथ ही फारबिसगंज में लेट्स इंस्पायर बिहार के अररिया चैप्टर के विभिन्न आयामों के लिए चयनित को ऑर्डिनेटर का ऐलान करते हुए प्रशस्ति पत्र दिया गया।

हिन्दुस्थान समाचार/राहुल/चंदा

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