कस्तूरबा गांधी के 155वीं जयंती पर गांधी संग्रहालय में गोष्ठी का आयोजन

कस्तूरबा गांधी के 155वीं जयंती पर गांधी संग्रहालय में गोष्ठी का आयोजन
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कस्तूरबा गांधी के 155वीं जयंती पर गांधी संग्रहालय में गोष्ठी का आयोजन


पूर्वी चंपारण,11 अप्रैल(हि.स.)। कस्तूरबा गांधी के 155वीं जयंती के अवसर पर गुरुवार को मोतिहारी स्थित गांधी संग्रहालय के सभा भवन में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसे संबोधित करते हुए गांधी संग्रहालय के सचिव पूर्व मंत्री ब्रजकिशोर सिंह ने कहा कि निलहो अंग्रेजो की अत्याचार को सुन जब गांधी जी चंपारण आए तो इस दौरान उन्होने किसानों की पीड़ा सुनने के लिए चंपारण के गांवो का भ्रमण किया, जिसमे उन्हें लगा कि चंपारण में राष्ट्रीय आंदोलन के साथ ही यहां शिक्षा,स्वास्थ्य पर्यावरण और नारी सशक्तिकरण के लिए जागरूकता अभियान की जरूरत है, जिसके बाद उन्होने चंपारण के बरहरवा लखन सेन, भितिहरवा एवं मधुबन में बुनियादी विद्यालय की स्थापना की जिसमें कस्तूरबा गांधी ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करते हुए उन्होने स्वयं इस विधालय में पढाया और शिक्षा स्वास्थ्य के साथ महिला सशक्तिकरण के लिए अलख जगायी।

कस्तूरबा गांधी ने अपना बहुमूल्य समय चंपारण को दिया था। उस योगदान के लिए चंपारण में आज भी उन्हे याद किया जाता है। कस्तूरबा गांधी के कार्यों को आगे बढ़ाना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इस अवसर पर अमिता निधि ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि चंपारण के गांव में महिलाओं को जागरूक करने में जो भूमिका कस्तूरबा गांधी ने निभाई थी। वह अविस्मरणीय है,उसे आज भी आगे बढ़ाने की जरूरत है।

कार्यक्रम का संचालन करते गांधीवादी विनय कुमार ने कहा कि गांधी जी के कार्यो को बढ़ाने और चंपारण सत्याग्रह आंदोलन में कस्तूरबा गांधी ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। मौके पर रंजन कुमार, पिंजय कुमार राउत,राज गुरु,आकर्ष कुमार तिवारी,ई कृष्णकांत राज सहित अन्य वक्ताओ ने भी गोष्ठी को संबोधित करते हुए कस्तूरबा गांधी के प्रति श्रद्धा अर्पित किया।

हिन्दुस्थान समाचार/आनंद प्रकाश/चंदा

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